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गुरुवार, 3 मार्च 2016

Few word from the bottom of the heart

कुछ भी कर लो साथी तुमसे दूर नही हो पायेगे
ये भी सच है इस दुनिया में साथ नही रह पायेगे
कौन लगायेगा पहरे
दिलवर मेरी धडकन पर
कैसे रोकेगा ये जग अब
तेरे मन मन्दिर मे रहने पर
कुछ भी कर ये ले दुनिया, ईश तुम्हे ही मानेगे
ये भी सच है प्रीत की माला, अर्पित कर ना पायेगे

कैसे मिटा सकेगा कोई
तस्वीर तेरी इन नैनों से
कैसे तोड सकेगा जग अब
बन्धन बाँधे  जो दिल के
कुछ भी कर ले ये दुनिया, तुमको ही हम चाहेगें
ये भी सच है ये अरमां, हम पूरा कर ना पायेगे

करने को तो सब कर लेते
जो अब तक ना कर पाये हैं
जग की तो बात ही क्या
किस्मत से टकरा जाते है
तज देते हम गैरों को, अपनों से मुंह मोड ना पायेगे

ना तोड सकेगें अपनों का दिल, खुद को ही मिटा जायेगें

1 टिप्पणी:

  1. बहुत ही सुन्दर और बेहतरीन प्रस्तुति, महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें।

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