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मंगलवार, 31 मई 2022

अम्मा बाबू जी को समर्पित एक गीत


ईश्वर से कुछ ना मांगें हम 

सब कुछ तुमसे पाया है 

राम सिया से मात पिता की

हम बच्चों पर छाया है 


तुम दोनो को संग में देख के 

मन हर्षित हो जाता है 

अद्भुद सी अनुपम जोडी को 

देख के मन यह गाता है 

युग युग तक आशीष मिले बस

और नहीं कुछ पाना है 

राम सिया से मात पिता की........


कर्म ही धूरी जीवन जिसका

जो सत की सच्ची सूरत

त्याग तपस्या लक्ष्य है जिसका

ममता प्रीत की वो मूरत

इठलाती हूं भाग्य पे अपने

पारस हमने पाया है 

राम सिया से मात पिता की........


 ईश्वर से कुछ ना मांगें हम 

सब कुछ तुमसे पाया है 

राम सिया से मात पिता की

हम बच्चों पर छाया है 

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