tag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post1328331288466260726..comments2024-02-24T08:20:01.931-08:00Comments on palash "पलाश": अब न मानूंगी भगवान तुझेpalashhttp://www.blogger.com/profile/09020412180834601052noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-67895197762052927642018-07-15T01:39:08.547-07:002018-07-15T01:39:08.547-07:00सही कहा,स्त्री को भगवान की नहीं, पति के रूप में एक...सही कहा,स्त्री को भगवान की नहीं, पति के रूप में एक सच्चे साथी की जरूरत होती है। और स्त्री ने भी कब चाहा कि वो देवी कहलाए,पुरुषप्रधान समाज ने अपनी स्वार्थसिद्धी के लिए जब चाहा उसे देवी बना दिया और जब चाहा कुलटा और पतिता....Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-20968688924447990822018-07-10T10:38:26.122-07:002018-07-10T10:38:26.122-07:00बस भी करो अब देवी कहना
पहले समझो तो इंसान मुझे
दिख...बस भी करो अब देवी कहना<br />पहले समझो तो इंसान मुझे<br />दिखलाओ जरा साथी बनकर<br /><br />अब न मानूंगी भगवान तुझे---बहुत ही यथार्थवादी रचना | आज तक नारी का मूक और ब्न्ध बंध्या रूप ही भाया है हर पति को | और स्वयं को भगवान समझने के पूर्वाग्रह से बाहर होना ही नही चाहता | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-34686335776155801322018-07-10T07:54:40.873-07:002018-07-10T07:54:40.873-07:00सही कहा ये अस्तित्व की जंग नही सिर्फ ये हक है जो म...सही कहा ये अस्तित्व की जंग नही सिर्फ ये हक है जो मिलना ही होगा।<br />बहुत सार्थक रचना। मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-79389601471410727992018-07-09T19:33:50.342-07:002018-07-09T19:33:50.342-07:00बहुत उम्दाबहुत उम्दाLokesh Nashinehttps://www.blogger.com/profile/10305100051852831580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-14176992741204206702018-07-08T18:27:06.720-07:002018-07-08T18:27:06.720-07:00जय मां हाटेशवरी...
अनेक रचनाएं पढ़ी...
पर आप की रच...जय मां हाटेशवरी...<br />अनेक रचनाएं पढ़ी...<br />पर आप की रचना पसंद आयी...<br />हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...<br />इस लिये आप की रचना...<br />दिनांक 10/07/2018<br /> को <br /><a href="https://www.halchalwith5links.blogspot.in" rel="nofollow">पांच लिंकों का आनंद</a><br />पर लिंक की गयी है...<br />इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।<br /> kuldeep thakurhttps://www.blogger.com/profile/11644120586184800153noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-38002983824141221742018-07-08T11:34:05.075-07:002018-07-08T11:34:05.075-07:00आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ...आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' ०९ जुलाई २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/<br /><br /><br /><br /> टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।<br /><br /><br /><br />आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति मेरा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'<br /><br /><br /><br />विशेष : हम चाहते हैं आदरणीय रोली अभिलाषा जी को उनके प्रथम पुस्तक प्रकाशन हेतु आपसभी लोकतंत्र संवाद मंच पर अपने आगमन के साथ उन्हें प्रोत्साहन व स्नेह प्रदान करें। 'एकलव्य' <br />'एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-54060525707995355762018-07-08T08:07:14.456-07:002018-07-08T08:07:14.456-07:00आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (09-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (09-07-2018) को <a href="javascript:void(0);" rel="nofollow"> "देखना इस अंजुमन को" (चर्चा अंक-3027) </a> पर भी होगी।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />राधा तिवारीradha tiwari( radhegopal)https://www.blogger.com/profile/09630389878761098417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-5847969905592525272018-07-07T05:10:46.790-07:002018-07-07T05:10:46.790-07:00बिलकुल सही
देवी-भगवान नहीं, इंसान को इंसान ही बने...बिलकुल सही <br />देवी-भगवान नहीं, इंसान को इंसान ही बने रहने दो और साथ-साथ चलना सीखो तो जिंदगी आसान हो <br />बहुत सुन्दर कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.com