tag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post2277904993148129798..comments2024-02-24T08:20:01.931-08:00Comments on palash "पलाश": जीवन की कडियां - रिश्तेpalashhttp://www.blogger.com/profile/09020412180834601052noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-74467111040245854192015-02-06T04:49:18.822-08:002015-02-06T04:49:18.822-08:00खूबसूरत और दिल की छोटी बातों को बेहतरीन शब्दों में...खूबसूरत और दिल की छोटी बातों को बेहतरीन शब्दों में पिरोया है...<br /><br />संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-61746249334467659342015-02-03T22:48:34.291-08:002015-02-03T22:48:34.291-08:00बहुत खूबसूरती से जीवन के हर सीढ़ी का जिक्र किया ...बहुत खूबसूरती से जीवन के हर सीढ़ी का जिक्र किया आपने। बधाईरश्मि शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04434992559047189301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-35517363767206638462015-02-03T04:14:03.822-08:002015-02-03T04:14:03.822-08:00वाह जी वाह आपने पुरे जीवन के सच को अपनी इन कविता क...वाह जी वाह आपने पुरे जीवन के सच को अपनी इन कविता के माध्यम से बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत कर दिया है . सच में रिश्ते कई प्रकार के होते है.... इनका मतलब भी अलग-अलग होता है , अलग-अलग रिश्तो के अलग-अलग मायने ... <br /><a href="http://gyantarang.blogspot.com" rel="nofollow">मेरे ब्लॉग पर आप सभी लोगो का हार्दिक स्वागत है </a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-17393404053762380162015-02-03T02:44:17.173-08:002015-02-03T02:44:17.173-08:00स्कूल के टिफिन से शुरु होकर
मिलते हैं खेल के मैदान...स्कूल के टिफिन से शुरु होकर<br />मिलते हैं खेल के मैदान में<br />कभी साथ पढाई करते<br />कभी लडाई झगडा करते<br />मिलती है इन्हे मजबूती<br />और बन जाते हैं सम्बल<br />बहुत ही सुन्दर शब्दों में सजी एक सार्थक रचना Yogi Saraswathttps://www.blogger.com/profile/17101659017154035233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-29016741187077243262015-02-02T22:50:53.041-08:002015-02-02T22:50:53.041-08:00रिश्ते जो मिलते है...बहुत खूब।रिश्ते जो मिलते है...बहुत खूब।Pratibha Vermahttps://www.blogger.com/profile/09088661008620689973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-18802524358217522852015-02-02T05:07:31.287-08:002015-02-02T05:07:31.287-08:00सार्थक प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा क...सार्थक प्रस्तुति।<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (03-02-2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> बेटियों को मुखर होना होगा; चर्चा मंच 1878 </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com