tag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post5201784523481371382..comments2024-02-24T08:20:01.931-08:00Comments on palash "पलाश": वो खत के पुरजेpalashhttp://www.blogger.com/profile/09020412180834601052noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-53623159673697131942011-01-10T09:35:56.306-08:002011-01-10T09:35:56.306-08:00ये पढ़ कर तो वो सभी भाव सामने आ गए जो कभी रोज उमड़...ये पढ़ कर तो वो सभी भाव सामने आ गए जो कभी रोज उमड़ा करते थे .... वो चाहे ख़त लिखने कि प्लानिंग करने पर हो ..... ख़त लिखते वक़्त या, ख़त को पोस्ट करना या फिर भेजने के बाद की बेचैनी और या फिर ख़त आते ही जल्दी से पढ़ लेने की लालसा और एक बात और वो ये की सबसे पहले ख़त आने पर ये देखना की ख़त में कितनी लिखावट है ...... जितना ज्यादा लिखा है उतना मन खुश हो जाता था :-) बहुत अच्छे रूप में व्यक्त किया है काफी भावों कोAditya Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15489011739148911260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-8872786551237244492010-12-27T03:19:20.654-08:002010-12-27T03:19:20.654-08:00आपका लेख तो काफी प्रभावी है. ख़त आने भले ही कम हो ...आपका लेख तो काफी प्रभावी है. ख़त आने भले ही कम हो गए हों, पर इसने लोगों की संवेदनाएं भी कम कर दी हैं. हर कुछ फास्ट हो गया है, शायद रिश्ते भी...<br /><br />फ़िलहाल आपके इस लेख को हमने साभार 'डाकिया डाक लाया' ब्लॉग पर प्रकाशित किया है.www.dakbabu.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/04376997074873178876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-59809369325544059762010-12-22T08:57:11.917-08:002010-12-22T08:57:11.917-08:00खतोकिताबत के नए और पुरानी दोनों तरीकों पर बेहतरीन ...खतोकिताबत के नए और पुरानी दोनों तरीकों पर बेहतरीन पोस्ट है.<br />और ये शेर-<br />उसके हर एक शब्द हमारी<br /><br />प्रेम कहानी बयां करते है <br /><br />और तनहाई में मुझे<br /><br />बीते समय में ले चलते हैं<br />लाजवाब हैKunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-25636909858417534902010-12-21T04:32:02.368-08:002010-12-21T04:32:02.368-08:00bahut sunder.........bahut sunder.........Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-46614744009284289482010-12-21T02:42:39.849-08:002010-12-21T02:42:39.849-08:00बिल्कुल सही कहा आपने. ख़त हमेशा एक नया एहसास दिलात...बिल्कुल सही कहा आपने. ख़त हमेशा एक नया एहसास दिलाता था ......सुंदर कविता <br /><br /><a href="http://srijanshikhar.blogspot.com/2010/12/blog-post_21.html/" rel="nofollow">सृजन शिखर पर ---इंतजार</a>उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-57571075607431458552010-12-20T23:36:24.313-08:002010-12-20T23:36:24.313-08:00आपके भावों का सच्चाई का पुट और एहसासों की गंध है,...आपके भावों का सच्चाई का पुट और एहसासों की गंध है, जो आपकी लेखनी को प्रभावशाली बनाती है। इस शमा को जलाए रखें।<br /><br />---------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">आपका सुनहरा भविष्यफल, सिर्फ आपके लिए। </a> <br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">खूबसूरत क्लियोपेट्रा के बारे में आप क्या जानते हैं?</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-32990378427930785672010-12-20T11:25:20.046-08:002010-12-20T11:25:20.046-08:00सत्य है , जब कभी किसी अपने का पत्र आता था तो वह कई...सत्य है , जब कभी किसी अपने का पत्र आता था तो वह कई महीनो तक के कई बार पढ़ा जाता था जब तक की उस का दूसरा ख़त न आ जाये .ABHISHEK MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/08988588441157737049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-14226431684353230482010-12-20T09:25:51.012-08:002010-12-20T09:25:51.012-08:00सही लिखती हैं आप.
आज सच में खत लुप्त हो गए हैं,कव...सही लिखती हैं आप.<br />आज सच में खत लुप्त हो गए हैं,कविता और आलेख अच्छा लगा.Creative Manchhttps://www.blogger.com/profile/06744589000725201971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-25164180282128648742010-12-20T08:20:12.527-08:002010-12-20T08:20:12.527-08:00सही भावाव्यक्ति! धन्यवाद|सही भावाव्यक्ति! धन्यवाद|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-79822493942995282442010-12-20T04:17:28.687-08:002010-12-20T04:17:28.687-08:00nice...nice...ManPreet Kaurhttps://www.blogger.com/profile/17999706127484396682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-92186637969039767852010-12-20T03:43:16.066-08:002010-12-20T03:43:16.066-08:00याद नहीं पड़ता कि पिछला पत्र कब और किसको लिखा था।याद नहीं पड़ता कि पिछला पत्र कब और किसको लिखा था।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-27776074296442263172010-12-20T02:56:49.360-08:002010-12-20T02:56:49.360-08:00कविता ने मन की भावनाओं को खूब कहा है ..सुन्दर रचना...कविता ने मन की भावनाओं को खूब कहा है ..सुन्दर रचना .संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-38998796866196439642010-12-20T02:29:12.792-08:002010-12-20T02:29:12.792-08:00खत तो अब कहाँ आते...सही भावाव्यक्ति!खत तो अब कहाँ आते...सही भावाव्यक्ति!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-83383429727679297122010-12-19T22:47:07.054-08:002010-12-19T22:47:07.054-08:00एक ख़त आया था किसी के नाम , उसमे लिखा था एक पैगाम ...एक ख़त आया था किसी के नाम , उसमे लिखा था एक पैगाम <br /><br />पढकर ख़ुशी हुई वो अच्छे है , चलो इतना तो है की वो यादों के सच्चे है <br /><br />वरना आजकल किसी को किसी की याद कहाँ आती है ,<br /><br />जिंदगी की सरपट दौड़ में मानसी कुचल जाती है <br />एक ख़त आया था किसी के नाम , उसमे लिखा था एक पैगाम <br /><br />पढकर ख़ुशी हुई वो अच्छे है , चलो इतना तो है की वो यादों के सच्चे है <br /><br />वरना आजकल किसी को किसी की याद कहाँ आती है ,<br /><br />जिंदगी की सरपट दौड़ में मानसी कुचल जाती है <br /><br />आगे देखें तो भागती जिंदगी , पीछे यादों की धूल नजर आती है <br /><br />कुछ धुंधला धुंधला सा नजर आता है कोई <br /><br />दूर छ्क्तिज पे कोई सूरत दिख जाती है <br /><br />हे नियंता ये तेरा क्या है खेल ,मिलने वाले मिलते नहीं <br /><br />मिल जाते बेमेल .....<br /><br /><br />आगे देखें तो भागती जिंदगी , पीछे यादों की धूल नजर आती है <br /><br />कुछ धुंधला धुंधला सा नजर आता है कोई <br /><br />दूर छ्क्तिज पे कोई सूरत दिख आती है <br /><br />हे नियंता ये तेरा क्या है खेल ,मिलने वाले मिलते नहीं <br /><br />मिल जाते बेमेल .....meri awaajnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-32652988440324523912010-12-19T22:40:27.616-08:002010-12-19T22:40:27.616-08:00एक ख़त आया था किसी के नाम , उसमे लिखा था एक पैगाम ...एक ख़त आया था किसी के नाम , उसमे लिखा था एक पैगाम <br /><br />पढकर ख़ुशी हुई वो अच्छे है , चलो इतना तो है की वो यादों के सच्चे है <br /><br />वरना आजकल किसी को किसी की याद कहाँ आती है ,<br /><br />जिंदगी की सरपट दौड़ में मानसी कुचल जाती है <br /><br />आगे देखें तो भागती जिंदगी , पीछे यादों की धूल नजर आती है <br /><br />कुछ धुंधला धुंधला सा नजर आता है कोई <br /><br />दूर छ्क्तिज पे कोई सूरत दिख आती है <br /><br />हे नियंता ये तेरा क्या है खेल ,मिलने वाले मिलते नहीं <br /><br />मिल जाते बेमेल .....ramjihttps://www.blogger.com/profile/10938074818139593340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-88737747455739968512010-12-19T22:24:27.138-08:002010-12-19T22:24:27.138-08:00तेरे खुशबू से भरे ख़त मै जलाता कैसे?
क्या मेल में ...तेरे खुशबू से भरे ख़त मै जलाता कैसे?<br />क्या मेल में वो खुशबू मिलेगी?<br />या मेल को गंगा में बहाया जा सकता है ?<br />नहीं ना<br />फिर <br />अवशेष के रूप में ये बाते रह जायेगी <br />किस्से कहानियो में प्रेमीजन इन की चर्चा करेगेPAWAN VIJAYhttps://www.blogger.com/profile/14648578581549077487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-2034644857671809092010-12-19T21:17:33.931-08:002010-12-19T21:17:33.931-08:00पोस्ट -कार्ड आदि की याद आपने की ,वाकई उस पत्राचार ...पोस्ट -कार्ड आदि की याद आपने की ,वाकई उस पत्राचार में जो आत्मीयता थी वह आज के संदेशों में नहीं है.काव्याभिव्यक्ति भी सशक्त है.vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-23044705899385739292010-12-19T17:52:34.809-08:002010-12-19T17:52:34.809-08:00मेरे पास भी है खत कैसे जान लीमेरे पास भी है खत कैसे जान लीArun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-40137988699258304132010-12-19T17:17:49.368-08:002010-12-19T17:17:49.368-08:00पहले पोस्ट कार्ड , अंतर्देशीय और लिफाफे थे अपनी बा...पहले पोस्ट कार्ड , अंतर्देशीय और लिफाफे थे अपनी बात को विस्तार से लिखने के लिए और अब एस ऍम एस कितना फर्क है अच्छी पोस्ट बधाईSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-12643504013535139312010-12-19T15:03:00.625-08:002010-12-19T15:03:00.625-08:00अपर्णा जी
सच पूछें तो मैं कुछ ख़ास प्रिय...<b><i> अपर्णा जी</i></b> <br /> सच पूछें तो मैं कुछ ख़ास प्रियजनों की मेल का जवाब भी देर से देता हूं , <br />ताकि पुराना प्यार भरा ख़तो-क़िताबत का ज़माना याद आता रहे :)<br /><b> </b> <b><br />वो खत मेरी ज़िंदगी का<br /> हिस्सा नही ,ज़िंदगी है <br /> </b> <br />… लेकिन नई ज़िंदगी को भी भरपूर जीना ज़रूरी है ! … है ना ?<br /> <b> </b> <b> </b> <br />शुभकामनाओं सहित<br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-75651112997453727792010-12-19T11:41:51.820-08:002010-12-19T11:41:51.820-08:00आप का ख़त मिला बड़ी प्रसन्नता हुई ,यहाँ सब क...आप का ख़त मिला बड़ी प्रसन्नता हुई ,यहाँ सब कुशल मंगल है , बाकी अगले बार आने पे हाल बताऊंगा .आप का धन्यवादS.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-62290522212109877782010-12-19T10:06:34.665-08:002010-12-19T10:06:34.665-08:00बहुत खूब... खतोकिताबत का अन्त नजदीक लगता है..बहुत खूब... खतोकिताबत का अन्त नजदीक लगता है..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6043179371014088241.post-82772448511112913462010-12-19T10:06:32.619-08:002010-12-19T10:06:32.619-08:00खतों के बारे में सही लिखा ...आज सच ही खत लुप्त हो ...खतों के बारे में सही लिखा ...आज सच ही खत लुप्त हो गए हैं ...शादी या किसी ऐसे ही अवसरों के कार्ड आते हैं ...<br /><br />कविता ने मन की भावनाओं को खूब कहा है ..सुन्दर रचना .संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com