खुशियों में सभी रंग जाये ,आओ ऐसे मनायें दीवाली |
चंदा भी धरा पर आ जाये ,आओ ऐसे मनायें दीवाली ||
बहुत जलाये दीप सभी ने ,मिटा ना अब तक अंधियारा |
गले मिले हर साल मगर ,ना मिला दिलों का गलियारा ||
नेह की चिंगारी से जला दें ,दुश्मनी जो बरसों से पाली |
खुशियों में सभी रंग जाये , आओ ऐसे मनायें दीवाली ||
धन दौलत की चमक धमक में हमने खोया अपनों को |
लक्ष्मी को पूजा लेकिन ना मान दिया गृहलक्ष्मी को ||
दो पल सोचो आखिर क्या, हम सबसे कहती दीवाली |
खुशियों में सभी रंग जाये आओ ऐसे मनायें दीवाली ||
गगन मंडल में चमके तारे, घर घर दीपों
की माला
लगा्कर लडी पटाखों की, तू फिरता होकर
मतवाला
तेरी खुशी ने अम्बर की, चादर काली कर डाली
खुशियों में सभी रंग जाये , आओ ऐसे मनायें दीवाली ||
अधूरी चमक है दीपों की, अधूरे दीवाले
के अर्थ हैं
आडम्बर से रौशन जहाँ, मानवता के लिये
व्यर्थ है
कुछ काम करें यूं मिलकर, सार्थक हो जाय
दीवाली
खुशियों में सभी रंग जाये , आओ ऐसे मनायें दीवाली ||