वो महीन गुलाबी
इश्क के पन्ने
इश्क के पन्ने
और उन पर लिखी
मोहब्बत की आयतें
मोहब्बत की आयतें
बेशकीमती हीरे सी
रखी है सहेज कर
रखी है सहेज कर
यादों की रुमाली
चादर की तहों में
चादर की तहों में
वो पन्ने जिनमें
अल्फाज नही
अल्फाज नही
लिखे हैं सिर्फ
नर्म गर्म अहसास
नर्म गर्म अहसास
हर दिन पढती और
लिखती रहती हूं`
कुछ न कुछ
तुम्हारी ही जबान में
तुम्हारी ही जबान में
सच कितना आसान होता है
बयां करना
मन में उमडते जज्बात
अहसासों की जुबां मे
अहसासों की जुबां मे
एक और बडी प्यारी
सी
खूबसूरती है इसमें
नही करना होता
नही करना होता
किसी को इन्तजार
किसी के चुप होने का
किसी के चुप होने का
न कोई गुंजाइश होती
ना समझी की
ना समझी की
ना ही आडे आती है
लफ्जों की दीवार
दोनो खमोशी से
एक ही पल में
एक ही पल में
कहते सुनते और
लिखते रहते हैं
लिखते रहते हैं
गुलाबी इश्क के पन्ने
अहसासों की जुबानी
अहसासों की जुबानी