निगाहों को पढने दो
निगाहों की गुफ्तगू
दखलंदाजी जुबान की
हर जगह अच्छी नही
घुलने दो इश्क को
सांसों में इश्क की
बेताबियां हुस्न की
हर जगह अच्छी नही
सुनने दो खामोशी को
खामोशियों की कही
गुस्ताखियां निगाह की
हर जगह अच्छी नही
मचलने दो इशारो को
इशारों की गिरफ्त में
निगेबानियां तहजीब की
हर जगह अच्छी नही
बहने दो ख्यालों को
ख्यालों के समन्दर में
सांकलें रिवायत की
हर जगह अच्छी नही
पडने दो इश्क पर
रौशनी जरा हुस्न की
मौजूदगी चिरागों की
हर जगह अच्छी नही
रुकने दो लम्हों को
रूह के आगोश में
पाबंदियां वक्त की
हर जगह अच्छी नही
तुलने दो अहसासों को
चाहत के पैमाने में
नजदीकियां मिजाज की
हर जगह अच्छी नही
कुछ कहो न तुम हमें
चुप रहे हम भी जरा
इश्क पर छींटाकशी
किसी तरह अच्छी नही
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (15-09-2019) को "लेइसी लिखे से शेयर बाजार चढ़ रहा है " (चर्चा अंक- 3459) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
वाह बेहतरीन रचनाओं का संगम।एक से बढ़कर एक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंBhojpuri Song Download