नही कोई हिचकचाहट
नही कोई शमिन्दगी
नही झुकती मेरी निगाहें
कहने से, मै बेदाग नही
कुछ दाग दिख जायेगें
हर एक नजर को
कुछ दाग बतायेगें
मेरी कमजोरियों को
कुछ दाग हैं ऐसे भी
जो दिखते ही नही
कुछ दाग हैं ऐसे भी
जो मिटते भी नही
कई दाग मेरे लिये
है जीने का हौसला
कई दाग मेरे लिये
हैं संघर्ष का फैसला
हर दाग समेटे है
खुद में एक कहानी
हर दाग किसी याद की
मीठी कडवी निशानी
बचपन के गलियारों में
कुछ दाग मुझे ले जाते
कुछ दाग मगर ऐसे भी
जो दर्द हरा कर जाते
इन दागों को अब मुझे
जीवन का अंग बनाना है
कलंक का ये चिन्ह नही
लोगो को समझाना है
सौन्दर्य को नये सिरे से
करना है मुझको परिभाषत
बेकसूर दाग भी तो
सुन्दरता में हों सहभागित
"कुछ दाग हैं ऐसे भी
जवाब देंहटाएंजो दिखते ही नही
कुछ दाग हैं ऐसे भी
जो मिटते भी नही"
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (01-01-2020) को "नववर्ष 2020 की हार्दिक शुभकामनाएँ" (चर्चा अंक-3567) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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नव वर्ष 2020 की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर सृजन
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