दो शब्द कहूंगी मैं तुमसे
दो शब्द अनकहे समझ लेना
दो शब्द हमारे अधरों से
चुपके से आ कर ले लेना.........
दो शब्द अहसासो के प्रिये
सांसों में थमे थमे से है
दो शब्द सौंप तुम मुझको
अपने बन्धन में कर लेना.......
दो शब्द तुम्हारे मोती से
दो शब्द मेरा श्रंगार बने
दो शब्द तेरे दो शब्दों से मिल
धरा का सुन्दर राग बने........
कहाँ जरूरत कुछ और कहे
सुनने को कहाँ कुछ बाकी
तेरे दो शब्द के सागर में
खुशियों की लहर में साथ बहे.........
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंहोलीकोत्सव के साथ
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की भी बधाई हो।