सबसे पहला सवाल
जो पूछ बैठते हैं
कई बार घर के सदस्य
कई बार घर के सदस्य
या कोई रिश्तेदार
अबोध बच्चे से
कौन है तुम्हे प्यारा
सबसे ज्यादा
सबसे ज्यादा
तुम मम्मी को करते हो
ज्यादा प्यार
ज्यादा प्यार
या पापा है तुमको
सबसे प्यारे
सबसे प्यारे
कितना सरल लगता है
ये प्रश्न कहने सुनने
में
मगर उत्तर की जटिलता
का
आंकलन करना भी दुष्कर
है
आखिर क्या हो आधार
ऐसे प्रश्नों के उत्तर
का
भौतिक सांसारिक सुविधायें
या ममता का अगाध सागर
पिता का शाम को चाकलेट
लाना
या माँ की हल्की फुल्की
डांट
पिता का झूठमूठ का
गुस्सा
या माँ का मैगी बना
देना
बच्चा नही जानता
कि दोनो ही पहिये
मिलकर दे रहे है गति
उसके जीवन को
दोनो मिल कर ही
दे रहे हैं आकार
उसके भविष्य को
वो तो सिर्फ करने लगता
है तुलना
पिछले एक दो दिन की
घटनाओं का
और जाँचता है अपने स्तर पर
किसने पूरी की कितनी फर्माइशे
किसने कितनी बार उसे
रोका
एक समीकरण सा बनाता है
जिसमें कभी कुछ जोडता है
कभी कुछ घटा देता है
नही जोड पाता वो
माँ का रातों में जागना
नही समझ पाता बाल मन
पिता का अपनी जरूरतें
काटना
फिर भी, हर गणित के बाद
समीकण के दोनो तरफ
उसे बराबर ही नजर आता
है
मगर प्रश्न का उत्तर
तो
देना है उसे कोई एक
अपने मस्तिष्क पर
डालता है कुछ और जोर
फिर याद आती है अनायास
उसे एक ऐसी घटना
जो किसी एक पलडे को
कर देती है अचानक भारी
और बच्चा देता है उत्तर
कभी इस उत्तर में होती
है माँ
कभी जवाब में होता है पिता
यह उत्तर परिवर्तनशील
है
क्योंकि बाल मन नही
कर सकता
गुणा भाग
मगर डर जाते है माँ
बाप
अन्दर ही अन्दर
आखिर क्यों नही दोनो
उसके लिये बराबर
अक्सर लोग करते है मनोरंजन
ऐसे अवैज्ञानिक प्रश्नों
से
मगर बाल मन में जन्मती
है
एक तुलना की ग्रन्थि
जो समय के साथ
कभी घटती नही,
सिर्फ बढती ही है
कभी घटती नही,
सिर्फ बढती ही है
धीरे धीरे कोई एक
हो जाता है कुछ करीब
और अपनेआप हो जाती
है
दूसरे से कुछ दूरी सी
और परिणाम में
कई बार बनती है माँ
पुल पिता पुत्र के संवाद का
सब कुछ करके भी हो जाता है
पिता कुछ पराया पराया सा
और परिणाम में
कई बार बनती है माँ
पुल पिता पुत्र के संवाद का
सब कुछ करके भी हो जाता है
पिता कुछ पराया पराया सा
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 15-11-2017 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2789 में दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
अत्यंत प्रगल्भ रचना । पिता सब कुछ करके भी पराया पराया सा हो जाता है ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर मनोवैज्ञानिक आख्यान! बदलती फिजा में पंक्तियाँ कुछ तब्दीलियों का शिकार भी हो सकती हैं, यथा -
जवाब देंहटाएंधीरे धीरे कोई 'और'
हो जाता है कुछ करीब
और अपनेआप हो जाती है
कुछ कामचलाऊ दूरी सी
मम्मी और पापा दोनों से!
सुन्दर सॄजन
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