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शुक्रवार, 17 जून 2016

प्रियतम मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ..............



कुछ फर्ज निभाने है मुझको, कुछ कर्ज चुकाने हैं मुझको
प्रियतम मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ, बस कुछ पल थोडा  धीर धरो

कुछ बन्धन मुझे पुकार रहे, खुलनी हैं कुछ मन की गाँठे
हर साँस में बसते हो तुम्ही, बस कुछ पल थोडी पीर सहो

कुछ साये तिमिर के घेरे हैं, मन में भय के कुछ पहरे है
ये कोरा मन तेरा ही है , बस कुछ पल हाथों मे अबीर धरो

कुछ बातें अभी अधूरी हैं, कुछ सुननी कहनी है जग से
ऐ मेरे दिल के अटल नखत, न खुद को नभ की भीड कहो

कुछ दहलीजे रोक रही मुझको, कुछ राहें रस्ता देख रही
विस्वास धरे पलकें मूंदें, बस कुछ पल तुम मेरे साथ बढो

कुछ खोने से मन डरता है, कुछ पाने को मन आतुर है
दिल में अजब बवंडर है, बस कुछ पल थोडी शीत सहो

प्रियतम मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ, बस कुछ पल थोडा  धीर धरो

मंगलवार, 7 जून 2016

ढूंढ रहा रह कोई सच................


ढूंढ रहा रह कोई सच, पर छोड ना पाये झूठ के साये
बदलते लोग विघुत गति से, बिन मतलब पास ना आये

झूठी तारीफों के पुल पर, रिश्तों की बिल्डिंग बन जाती
कहते फिरे सच सुनने वाले ही बस हमरे मन को भाये


किसने बनाया सच को कडवा, घोला मीठापन झूठ में
तुम ही बताओ छोड मिठाई, कडवी गोली किसे लुभाये

बदल गया इस कदर जमाना, कहना सच अपराध लगे
सरे बाजार झूठ, सीना ताने अदने सच को रहा डराये

मेडल, पुरस्कार और प्रसंशा, कडपुतलती मक्कारों की
जाने और दिन कैसे कैसे, कैसी प्रगति हम लेकर आये

घर छूटा, छूटा बडों का आदर, स्वतंत्र हुये बेशर्मी को
मार्ड्न बनने की होड कही, पशु से भी ना नीचे ले जाये

अभी वक्त है, वक्त रहते सुधरे, और सुधारे देश दुनिया
अगली पीढी हमें याद कर श्रद्धा से नतमस्तक हो जाये

रविवार, 29 मई 2016

हर मौसम तेरा बनना है


मनमीत मेरे, साथ तेरे, कदम मिला कर चलना है
कभी धूप कभी छाँव बन, हर मौसम तेरा बनना है

जीने को तो जी लेते, बेंमतलब से इस जीवन को
कुछ रोते हसते पा ही लेते, आधे अधूरे सपने को
तेरी नजरों में बस कर , ख्वाब तुम्हारा बनना है
कभी धूप कभी छाँव बन, हर मौसम तेरा बनना है

कैसे बना दिल धीरे धीरे , तेरा दीवाना क्या जानूं
सोच लिया रस्मों रिवाज, दुनिया के मैं ना मानूं
अब हाथों में हाथ लिये, अरमान तुम्हारा बनना है
कभी धूप कभी छाँव बन, हर मौसम तेरा बनना है

मेरे प्यासे तन न पर, जब से पडी छाया तेरी,
खिल गयी मुरझाई कली, फूल बनी काया मेरी
तेरी सांसों को राग बना, संगीत तुम्हारा बनना है
कभी धूप कभी छाँव बन, हर मौसम तेरा बनना है
To watch video click on Palash the Name of Love
https://www.youtube.com/watch?v=xBdA8RaP9Kk

शुक्रवार, 27 मई 2016

क्यों नही बदल रहा...........


कभी कभी लगता है जैसे, कुछ नही बदल रहा
आज भी हर तरफ इंसान, इंसा्न को छल रहा

बातों में सबकी तडप दिखती, है सब बदलने की
कर्मो में चुप चाप सर्प सा, डस लेने को मचल रहा

प्रेम प्रीत की बात करते, थकते नही व्याख्यान में
जाति धर्म की आड में, व्यवस्था को ही निगल रहा

खो गयी शर्मो हया , सूख गया आँखो का पानी
देख कर सुन्दरी, सुरा, आचरण भी फिसल रहा

अत्याचार दुराचार आम हुआ, सभ्यता के दौर मे
चीत्कार, सुन-सुन, पशुओं का दिल भी दहल रहा

छल कपट के मन को ढकते, दिखावटी मुस्कान से
रिश्तों का गर्म लावा, लालची ,बर्फ पर पिघल रहा

धोखे मक्कारी के  खेल मे, उलझा रहे है देश को
गिर- गिर कर भी क्यो नही, ये आदमी संभल रहा
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