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रविवार, 7 अप्रैल 2019

मतदान करने से पहले कीजिये- थोडा होमवर्क



रितेशः ये बताओ इलेक्शन में वोटिंग करने के लिये छुट्टी अप्लाई की या नही?
संजीवः नही, क्यों तुम जा रहे हो क्या? मै तो नही जा रहा। अरे मेरे एक वोट ना डालने से क्या किसी की जीत या हार बदल जायगी। और फिर वोट के लिये क्यो करे एक सी. एल बेकार और क्यों करे आने जाने का खर्च। 
रितेशः हाँ, हो सकता है मेरे एक वोट डालने से कुछ भी बदले, मगर फिर भी ये बताओ क्या तुम सौ प्रतिशत विश्वास के साथ यह कह सकते हो कि तुम्हारे वोट डालने से कुछ भी नही बदलेगा?
संजीवः थोडा रुक कर सोचते हुये, हम्म कुछ हद तक तुम ठीक कह रहे हो, मगर इर भी यार कौन करे इतनी भाग दौड वो भी वोट डालने के लिये, वीकेंड के आस पास होता तो सोच भी लेता, बडा हैक्टिक हो जायगा।
प्रखर जो कैंटीन में रितेश और संजीव के साथ ही लंच कर रहा था, अपना टिफिन बाक्स पैक करते हुये बोलाअच्छा रितेश ये बताओ कि क्या तुमने वोट डालने के लिये तैयारी की है या बस यूं हे जा रहे हो?
रितेशः तैयारी, कैसी तैयारी मै कुछ समझा नही, अगर तुम ट्रैवल प्लानिंग के रिफरेन्स में बोल रहे हो तो नही,अभी तो नही किया, एक दो दिन में करा लूंगा।
प्रखरः नही, मै ट्रैवल प्लानिंग के लिये नही बोल रहा, मेरा मतलब है कि किसे वोट डालोगे ये सोचा है?
रितेशः इसमें सोचने वाली क्या बात है, मेरी फैमिली में सभी लोग हमेशा से एक ही पार्टी को वोट देते आये हैं उसी को इस बार भी दूंगा।
प्रखरः तब तो मेरा ख्याल है कि संजीव के वोट डालने और तुम्हारे डालने में कोई खास फर्क नही।
रितेशः (कुछ थोडी सी तल्ख आवाज में) क्या मतलब तुम्हारा, मै कुछ समझा नही।
प्रखरः एक बात बताओ तुम्हारे दादा जी ने जिस पार्टी को वोट दिया, उसी को हमेशा से तुम्हारे पिता जी वोट देते है , है ना
रितेशः हाँ
प्रखरः और उसी पार्टी को तुम्हारी मम्मी, तुम और घर के सारे लोग वोट देते हो।
रितेशः हाँ, तो इसमे गलत क्या है?
प्रखरः मगर अब मुझे ये बताओ, तुम्हारे दादा जी ने जिस व्यक्ति को वोट दिया क्या उसे ही तुम्हारे पिता जी और आज तुम उसी व्यक्ति को वोट देने जा रहे हो?
रितेशः ये कैसा मजाक हुआ? दादा जी के समय में जो चुनाव लडा, वो तो अब जीवित भी नही, और पिता जी ने जिसे वोट दिया वो भी अलग अलग लोग थे। लोग तो समय के साथ बदलते रहते है। भाई साफ साफ बोलो कहना क्या चाह रहे हो?
प्रखरः मै सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि माना ्यह जरूरी नही कि हमारे वोट से किसी पार्टी की सरकार बने या  बने है, मगर हमारे क्षेत्र में विकास के लिये डायरेक्टली वो व्यक्ति जिम्मेदार है जो हमारे क्षेत्र से चुनाव लडता है, वो ऐसा व्यक्ति होता है जो हमारे क्षेत्र की समस्याओ को सरकार तक पहुँचाने की कडी होता है, हमे अपना वोट डालने से पहले ये जरूर देखना और परखना चाहिये कि जितने भी लोग हमारे क्षेत्र की सीट से उम्मीद्वार है उनमे सबसे ज्यादा योग्य व्यक्ति कौन है, कौन हमारी समस्याओं के लिये संवेदनशील है, उनका हमारे लोगों के साथ कितना जुडाव है, वर्तमान सरकार द्वारा दी गयी कौन कौन सी और कितनी योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने में उसने अपनी कितनी सहभागिता दी है। वर्तमान समय में जो सांसद हो उसके कार्यकाल के किये हुये कामों का आकलन करो। मै ये नही कहता कि पार्टी के पाँच सालो के कामों का आकलन या तुलना मत करो, वो भी करो। मगर सापेक्ष रूप से क्षेत्रीय विकास के लिये व्यक्ति की उसके चरित्र की उसकी योग्यता की ज्यादा आवश्यकता है।
माना पार्टी की जीत सरकार तय करती है, तो हर पार्टी के मैनीफेस्टों को भी देखना चाहिये, मगर सही व्यक्ति को जिता कर संसद तक पहुँचाना हमारी पहली जिम्मेदारी है। और अगर हमे लगता है कि कोई भी उम्मीदवार हमारी कसौटी पर नही उतर रहा तो नोटा का विकल्प भी हम चुन सकते है। 
हमारे वोट में इतनी ताकत भी है कि हम पार्टियों को मजबूर कर सकते है कि वह योग्य व्यक्तियों को ही टिकट दे। यदि पार्टी सही व्यक्तियों को ही टिकट दे, तो व्यक्ति की जीत के साथ साथ परोक्ष रूप से उस पार्टी की जीत तय हो ही जाती है।
रितेशः मै समझ गया तुम क्या कहना चाहते हो, सिम्पली यही कि वोट डालने से पहले थोडा होमवर्क कर लेना चाहिये।
प्रखरः थोडा मुस्कुरा कर, हाँ यही कहना चाह रहा था।
रितेशः मगर यार एक बात बता मै तो ये नही जानता कि हमारे क्षेत्र से कौन कौन उम्मीदवार है और इस समय कौन उस सीट से सांसद है।
प्रखरः क्या यार ये कौन सा मुश्किल काम है आज कल हर सांसद के कामो का लेखा जोखा बडी आसानी से नेट पर देखा जा सकता है, और तुम्हारे क्षेत्र से कौन कौन उम्मीदवार है, ये डाटा चुनाव आयोग सारे उम्मीदवारो के नाम तय होने के बाद नेट पर पब्लिश करता रहता है।
रितेशः वाह यार ये तो अच्छी बात कही तुमने। चलो ठीक है, मै तुम्हारी बात मान लेता हूँ
प्रखरः संजीव तुम्हारा क्या ख्याल है? क्या तुम जाओगे वोट डालने। वैसे एक और बात बताऊँ, वोट डालने के लिये स्पेशल लीव मिलती है, कोई संस्थान ये छुट्टी देने से मना नही कर सकता, तो  डोन्ट वरी की एक सी. एल चली जायगी।
संजीवः ठीक है मेरे भाई वादा रहा, मै भी अपना वोट डालूंगा, और वो भी विद होमवर्क
रितेशः ये बात हुयी , चलो फटाफट अपना काम खत्म करते है, फिर थोडा मुस्कुराते हुये और फिर अब तो होमवर्क भी तो करना है।

तो आप अपना वोट विद होमवर्क देंगे या विदआउट
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