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शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

हाँ याद तेरी आती बडी

 हर बात नहीं तुमको बताते हैं बाबू जी,

छुपाते हैं बाबू जी, पर याद तेरी आती बडी

हर जिद मेरी, खुशी खुशी, पूरी करीं तुमने

सपने मेरे अपने किये जो देखे थे मैनें

अब किससे करे जिद ये बताओ ना बाबू जी, समझाओ न बाबू जी

हाँ याद तेरी आती बडी

हर बात नहीं तुमको बताते हैं बाबू जी,

छुपाते हैं बाबू जी, पर याद तेरी आती बडी

कहते तो थे, बिटिया नहीं बेटा हूं मै तेरा

रौनक हूं तेरे घर की औ टुकडा हूं मै तेरा

फिर क्यूं तेरे आंगन नही रह पाई बाबू जी, बतलाओ ना बाबू जी

हाँ याद तेरी आती बडी

हर बात नहीं तुमको बताते हैं बाबू जी,

छुपाते हैं बाबू जी, पर याद तेरी आती बडी


जब रोये कभी झूठ- मूठ, तुमने मनाया

गोदी में बिठाकर, मुझे लड्डू भी खिलाया

है कौन तेरे जैसा दुनिया में बाबू जी, दिखलाओ ना बाबू जी

हाँ याद तेरी आती बडी

हर बात नहीं तुमको बताते हैं बाबू जी,

छुपाते हैं बाबू जी, पर याद तेरी आती बडी


जन्मी तुम्हारे घर में, रही फिर भी पराई

ससुराल में भी मन की कभी कर नही पाई

आखिर कहाँ अधिकार जताऊं मै बाबू जी, बतलाओ ना बाबू जी

हाँ याद तेरी आती बडी

हर बात नहीं तुमको बताते हैं बाबू जी,

छुपाते हैं बाबू जी, पर याद तेरी आती बडी
* चित्रों के लिये गूगल का आभार

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