आप सोच रहे होगें कि अभी तो दीवाली
बहुत दूर है, अभी तो दीवाली की दुकानें सजनें में बहुत समय है, तो कैसे करे अभी से
दीवाली की तैयारी?
मगर जो हम कहना चाह रहे हैं उसको
कहने का यही उचित समय है।
सोचिये आज कल हम कैसे करते है
दीवाली की तैयारियां? हममें से ज्यादातर लोग दीवाली की तैयारियों में दो बातों पर ज्यादा
जोर देते हैं -
१. कोशिश करते हैं कि दीवाली पर उनके घरों में सबसे
ज्यादा रौशनी हो, उनके मुहल्ले के सभी घरों
में से उनका घर सबसे ज्यादा रौशन हो।
२. उनके घर से पटाखों की सबसे ज्यादा आवाज आये
जरा सोचिये हमारी इन तैयारियों
में असली दीवाली कौन मनाता है, असली तैयारियां कौन कर रहा है, किसके घर में होती है
असली रौशनी?
दीपावली सूचक है, सुख की, समॄधि
की, खुशहाली की.....
क्या आप सोच सकते है, किसे होती
है सबसे ज्यादा खुशी, कौन होता है सबसे ज्यादा समॄद्ध हमारी दीपावली से? हम बताते है
आपको, सबसे ज्यादा खुशी होती है हमारी दीवाली से ह्मारे पडोसी देश चीन के नागरिकों को,
जिन्हे हमारी दीपावली से मिल जाता है अरबों , खरबों का व्यापार।
दीपावली हमारी होती है, मगर हर घर में दियों से कही ज्यादा जलती हैं चीनी लाइट्स की झालरें। आप सोच भी नही सकते कि इन चीनी लाइट्स के पी्छे हमारे ही लिये कितना अंधकार छुपा हुआ होता है। मगर, आपको तो बस दिखता है कम पैसे में ज्यादा उजाला। क्या सच है इस उजाले का, तो आइये इसका एक तुलनात्मक अध्धययन करते हैः नेट पर हमने कुछ आकंडे देखे जिन्हे यहाँ प्रस्तुत कर रही हूँ-
दीपावली हमारी होती है, मगर हर घर में दियों से कही ज्यादा जलती हैं चीनी लाइट्स की झालरें। आप सोच भी नही सकते कि इन चीनी लाइट्स के पी्छे हमारे ही लिये कितना अंधकार छुपा हुआ होता है। मगर, आपको तो बस दिखता है कम पैसे में ज्यादा उजाला। क्या सच है इस उजाले का, तो आइये इसका एक तुलनात्मक अध्धययन करते हैः नेट पर हमने कुछ आकंडे देखे जिन्हे यहाँ प्रस्तुत कर रही हूँ-
चीनी लाइट की औसतन कीमत 25-35 ₹ के बीच होती है। और कुछ लाइट्स की कीमत तो 100 से लेकर 500 ₹ तक भी होती है। औसतन एक घर में 10 लाइट्स। मतलब एक परिवार लगभग 250 से 1000 ₹ तक इन चीनी लाइट्स पर खर्च करता है।
अगर आप दीपक जलाएंगे तो सबसे पहले तो ये वातावरण को शुद्ध करता है और अब इसकी कीमत का आंकलन करते हैं।
1 लीटर सरसों का तेल लगभग 80 ₹,
200 मिट्टी के दिए लगभग 50 ₹ और
रुई की बत्ती लगभग 10 ₹।
मतलब 200 दीपक जलाने का खर्च सिर्फ 140 ₹।
तो आप अंदाजा लगाओ की 200 दीपक रखने से आपके घर में ज्यादा रौशनी होगी या 10 लाइट्स से....
दीपमाला लगाने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर होने वाले लाभों की सूची इस प्रकार है-
1. जो मिट्टी के बने दीपक आप खरीदेंगे, वो ज्यादातर हमारे देश के गरीब कुम्हार बनाते हैं। आपके द्वारा दीपक ख़रीदने से किसी कुम्हार के घर भी दीवाली मे दिये जल सकेगें।
दीपमाला लगाने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर होने वाले लाभों की सूची इस प्रकार है-
1. जो मिट्टी के बने दीपक आप खरीदेंगे, वो ज्यादातर हमारे देश के गरीब कुम्हार बनाते हैं। आपके द्वारा दीपक ख़रीदने से किसी कुम्हार के घर भी दीवाली मे दिये जल सकेगें।
2. सरसों के तेल के दीपक जलाने से पटाखों के द्वारा होने वाला प्रदूषण की मात्रा कम होती है।
3. हमारे देश का पैसा देश में रहेगा। जिससे औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा तथा विदेशी निवेश की ज़रुरत कम हो जाएगी।
3. हमारे देश का पैसा देश में रहेगा। जिससे औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा तथा विदेशी निवेश की ज़रुरत कम हो जाएगी।
4. भारतीय
संस्कृति को
बढावा मिलेगा।
इस समय
सबसे ज्यादा
खतरा भारतीय
संस्कृति को
ही है
5. आपके मन को सच्ची खुशी मिलेगी ।
5. आपके मन को सच्ची खुशी मिलेगी ।
अबकी दीवाली ऐसे मनाओ
ना अंधेरा धरा पर रहे कभी।
पटाखो के प्रदूषण से
धूमिल ना हो अब धरा कही ॥
दिये जले कुछ ऐसे कि
ना हो तेरे मेरे की बात कही ।
खुशियां फैले हर दिशा में
दीवाली का है अर्थ यही ॥
तेरे घर के दीप जब
रौशन करेगें गरीब की कुटिया ।
सफल तभी दीवाली होगी
उजियारा होगा देश तभी ॥
मेरी आप सब से गुजारिश है की कृपया चीन में बनी लाइट्स मत खरीदिये। सिर्फ स्वदेशी भारत में बने स्वदेशी दीपमाला प्रयोग कीजिये। पटाखों से दूर रह कर सही मायनों में दीवाली मनायें, अपना
घर ही देश, देश को भी उज्जलित करें ।
शुभ दीपावली, सुरक्षित दीपावली
स्मृद्धि दीपावली, स्वदेशी दीपावली
सुन्दर सुझाव और सन्देश देती प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संदेश दिया , सही है चीनी चोर हमारा पैसा लूट रहे है , पर हम भी कम मूर्ख नहीं जो इन्हे खरीद रहे हैं । आज ये प्राण लें कि हम सिर्फ मिट्टी के दिये ही जलएंगे ।
जवाब देंहटाएंमैं आपका समर्थन करती हूँ -अगर सब लोग यही निश्चय कर लें -और हमारे देश के व्यवसायी भी जनता को किसी प्रकार भी ठगने की कोशिशें न करें -ईमानदारी से काम लें - तो बहुत जल्दी हमारे अच्छे दिन लौट आयेंगे !
जवाब देंहटाएंसुन्दर सन्देश देती प्रस्तुति जल्दी हमारे अच्छे दिन लौट आयेंगे !
जवाब देंहटाएंधीरे धीरे भारत के लोगों में भारतीय वस्तुओं के प्रति मोह जाग रहा है ! आपने बहुत ही सार्थक लेख लिखा है !
जवाब देंहटाएंसार्थक लेख लिखा है सार्थक लेख लिखा है
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है
राज चौहान
http://rajkumarchuhan.blogspot.in