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शनिवार, 7 मार्च 2020

दो शब्द


दो शब्द कहूंगी मैं तुमसे
दो शब्द अनकहे समझ लेना
दो शब्द हमारे अधरों से
चुपके से आ कर ले लेना.........

दो शब्द अहसासो के प्रिये
सांसों में थमे थमे से है
दो शब्द सौंप तुम मुझको
अपने बन्धन में कर लेना.......

दो शब्द तुम्हारे मोती से
दो शब्द मेरा श्रंगार बने
दो शब्द तेरे दो शब्दों से मिल
धरा का सुन्दर राग बने........

कहाँ जरूरत कुछ और कहे
सुनने को कहाँ कुछ बाकी
तेरे दो शब्द के सागर में
खुशियों की लहर में साथ बहे.........

1 टिप्पणी:

  1. बहुत अच्छी प्रस्तुति।
    होलीकोत्सव के साथ
    अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की भी बधाई हो।

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