दो घडी गुजारी थी मोहब्बत में कभी ,
बैचैन हुआ था ये दिल भी कभी,
अह्सासों के आगोश में हम भी खोये थे कभी,
जिन्दगी खूबसूरत सी लगी थी कभी,
वक्त को थमते देखा था कभी,
जमीं आसमां मे मिलते नजर आयी थी कभी,
तपती धूप भी भली लगी थी कभी,
इन होठों पे मुस्कान खिली थी कभी,
दुआओं के लिये हाथ उठे थे कभी,
हर रंग में इश्क बसा लगता था कभी
तनहाई भी ना तन्हा लगती थी कभी
इक नाम ही जुबां पे रहता था कभी
सब कुछ वैसा ही तो है आज भी मगर
तेरे होने ना होने का फर्क साफ नजर आता है
कहती नही किसी से , और कहूँ भी तो क्यों
जब तेरे सिवा कौन मुझको समझ पाता है
धूप की तपिश आज भी महसूस नही होती
हर रंग में तेरा प्यार नजर आता है
वक्त वही थम गया सा लगता है
तेरे अह्सास में ही दिल खोया रहता है
लोग कहते है दुनिया हर पल बदलती रहती है
मुझे तो कुछ भी बदला नजर नही आता
कल भी तुम ही रहते थे निगाहों में मेरी
आज भी नजरों को सिर्फ तू ही नजर आता है
सिर्फ तू ही नजर आता है ..................
अह्सासों के आगोश में हम भी खोये थे कभी,
जवाब देंहटाएंजिन्दगी खूबसूरत सी लगी थी कभी,
वक्त को थमते देखा था कभी,
जमीं आसमां मे मिलते नजर आयी थी कभी,
गहरे भावों को अभिव्यक्त किया है आपने इन पंक्तियों में .....!
सुन्दर प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत बधाई ||
http://dcgpthravikar.blogspot.com/2011/10/blog-post_10.html
यही असर है,
जवाब देंहटाएंकहाँ कसर है।
बहुत खूब अपर्णा जी।
जवाब देंहटाएंकल 12/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
बस प्यार मे यही तो होता है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.
जवाब देंहटाएंलोग कहते है दुनिया हर पल बदलती रहती है
जवाब देंहटाएंमुझे तो कुछ भी बदला नजर नही आता
ऐसा भी होता है कभी कभी
सुन्दर भाव
एहसासात को जैसे महसूस किया और बिलकुल उसी तरह कागज पे उकेर दिया जाये तो उससे एक अन्यास अपनापन सा हो जाता है वो लगभग सभी को छू के गुजर जाता है ....................क्या ये लेखनी की सार्थकता नहीं है?
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति अहसास की |
जवाब देंहटाएंआशा
गहरी अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुतिकरण...
प्यार की समझ होनी चाहिए, दुनियां में इससे बड़ा कोई नहीं ....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !
कल भी तुम ही रहते थे निगाहों में मेरी
जवाब देंहटाएंआज भी नजरों को सिर्फ तू ही नजर आता है
सिर्फ तू ही नजर आता है ..................ek pyar ke rahi ka behtarin prem safar...lakshy arjun ki tarah sirf ek hai ..saflta shat prathshat hai..sadar badhayee aaur amantran ke sath
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !
गहन अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुतिकरण...शुभकामनायें !
Sajiv evm sundar chitran. achhi kavita
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना । आपकी रचना ह्दय की गहराईयों छू गयी।
जवाब देंहटाएंहरि अटल
भिलाई, छत्तीसगढ़
सब कुछ वैसा ही तो है आज भी मगर
जवाब देंहटाएंतेरे होने ना होने का फर्क साफ नजर आता है
कहती नही किसी से , और कहूँ भी तो क्यों
जब तेरे सिवा कौन मुझको समझ पाता है
प्रेम में ऐसा ही एहसास सबको होता है शायद! सुन्दर कविता!
कल भी तुम ही रहते थे निगाहों में मेरी
जवाब देंहटाएंआज भी नजरों को सिर्फ तू ही नजर आता है
सिर्फ तू ही नजर आता है ..................
बहुत खूब प्रस्तुति !!
अहसासों की तो बात ही निराली है. आपको दीप-पर्व पर अनंत शुभकामनाएं. आप ऐसे ही ब्लागिंग में नित रचनात्मक दीये जलाती रहें !!
जवाब देंहटाएंकुछ एहसास कभी नहीं बदलते!
जवाब देंहटाएंइश्क एक तरफा हो तो सजा देता है
जवाब देंहटाएंइश्क दोनों तरफ हो तो मजा देता है
इश्क तो सभी करते हैं यारों
कोइ चुप है तो कोइ बता देता है
शुक्रिया बयानी के लिए ......
इश्क एक तरफा हो तो सजा देता है
जवाब देंहटाएंइश्क दोनों तरफ हो तो मजा देता है
इश्क तो सभी करते हैं यारों
कोइ चुप है तो कोइ बता देता है
शुक्रिया बयानी के लिए ......