चाहती हूँ हमेशा लिखना
वो जो औरों को खुशी दे
उन्हे कुछ पल अपने
हंसी अतीत में खोने दे
मेरे हर शब्द उन्हे लगे
बात अपने ही मन की
पढते पढते सोचने लगे
कहानी अपने ही मन की
मगर सदा सम्भव नही
होता औरों को हँसाना
अपने शब्दों के दर्पण में
किसी की तस्वीर बिठाना
होता औरों को हँसाना
अपने शब्दों के दर्पण में
किसी की तस्वीर बिठाना
भरा हो मन ही जब
पीर के पानी से
कैसे श्रंगार गाऊँ
कवित्व की बानी से
मगर नही छुपाना ही होगा
दर्द को किसी अलंकार मे
उलझाना ही होगा अश्कों को
शब्दों के भ्रमर जाल में
जैसे आँसू खुशी और गम
दोनो में ही आते है
देखने वाले मगर उसकी
अपनी अपनी परिभाषा बनाते हैं
वैसे ही लिखूँगीं कलम से
कुछ इस तरह के गीत
खुशहाल हो या जख्मी दिल
मिले उसे अपना ही अतीत
मन मोहक सुंदर प्रस्तुति ,,,,,
जवाब देंहटाएंपोस्ट पर आइये स्वागत है ,,,,,,अर्पणा जी
MY RESENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: स्वागत गीत,,,,,
दोनों ही लिखिये, पर सुख को ही बताइये..
जवाब देंहटाएंमगर सदा सम्भव नही
जवाब देंहटाएंहोता औरों को हँसाना
अपने शब्दों के दर्पण में
और की तस्वीर बिठाना//
आपने दिल जीत लिया
उम्दा
जवाब देंहटाएंbahut khoob..
जवाब देंहटाएंवैसे ही लिखूँगीं कलम से
जवाब देंहटाएंकुछ इस तरह के गीत
खुशहाल हो या जख्मी दिल
मिले उसे अपना ही अतीत
क्या खूब लिखा है आपने ...
रचनाएँ तो ऐसी ही होनी चाहिए जिसमें पाठक खुद को पा ले ...
सुंदर रचना ... बधाई .
वैसे ही लिखूँगीं कलम से
जवाब देंहटाएंकुछ इस तरह के गीत
खुशहाल हो या जख्मी दिल
मिले उसे अपना ही अतीत
क्या खूब लिखा है आपने ...
रचनाएँ तो ऐसी ही होनी चाहिए जिसमें पाठक खुद को पा ले ...
सुंदर रचना ... बधाई !!
भरा हो मन ही जब
जवाब देंहटाएंपीर के पानी से
कैसे श्रंगार गाऊँ
कवित्व की बानी से...
बहुत सुन्दर...!!
दोनों जीवन के पहलू हैं ....इसलिए दोनों की अभिव्यक्ति होती है रचनाकर्म में ...!
जवाब देंहटाएंअनुपम भाव संयोजन... सुंदर रचना समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है http://mhare-anubhav.blogspot.co.uk/
जवाब देंहटाएंवैसे ही लिखूँगीं कलम से
जवाब देंहटाएंकुछ इस तरह के गीत
खुशहाल हो या जख्मी दिल
मिले उसे अपना ही अतीत....भावमय करते शब्दों का संगम.... super di...
gud
जवाब देंहटाएंक्या खूब लिखा है आपने .....कमाल हैं आप भी !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर कविता के लिए हृदय से आभार और बधाई !
bahut achcha likhi hain.
जवाब देंहटाएंसंशय कैसा ..
जवाब देंहटाएंलेखनी स्वयं रास्ता चुन लेगी
स्वान्तः सुखाय लिखी कविता...सुन्दर कविता
जवाब देंहटाएंयाद रखें लेखनी उन्मुक्त है...
दर्द भी लिखो ख़ुशी भी लिखो ,अपने मन के मुस्कान की हंसी भी लिखो
जवाब देंहटाएंपर नहीं लिखना सुख को छीनने वाली बेबसी ,दर्दे दिल के अरमानो की बदनसी भी लिखो