जीवन की आपाधापी में
मन ढूँढ रहा सुकूं के पल
चाह रहा इक ऐसी राह
जो हो अविरल,निर्मल, निश्छल
आयाम बहुत हैं जीवन के
आराम कही मिलता ही नही
थक जाता, मन कभी-कभी
पर जरूरतें तो मिटती ही नही
अब चाहत कुछ वो करने की
ना तन टूटे, ना मन बिखरे
मिट जाये चाहे सब मेरा
जीवन अमिट मेरा निखरे
सर्वस्व समर्पित करती हूँ
जीवन के महासमर को मै
बाधायें कितनी भी मुश्किल हो
मन विजयी करना ही है
बहुत सुंदर.....
जवाब देंहटाएंVery Pretty and heart touching....Awesome
जवाब देंहटाएंप्रेरणादायक रचना पढ़वाने के लिए शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना ! मंगलकामनाएं आपको !
जवाब देंहटाएंअब चाहत कुछ वो करने की
जवाब देंहटाएंना तन टूटे, ना मन बिखरे
मिट जाये चाहे सब मेरा
जीवन अमिट मेरा निखरे
सर्वस्व समर्पित करती हूँ
जीवन के महासमर को मै
बाधायें कितनी भी मुश्किल हो
मन विजयी करना ही है
सुन्दर रचना