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बुधवार, 25 अगस्त 2010

माँ

सब कुछ पाया है जिससे, 
उसको भला क्या दे हम । 
जिसका मै हूँ अंश अभिन्न ,
कैसे करू उसका अभिनन्दन ॥ 
जिसका सब कुछ मै  जो मेरा अस्तित्व ,
वो धडकन मेरी   मै जिसकी काया ।
जननी है जो ,  वो मेरी पूजा । 
है वो माँ मेरी , मै उसकी छाया  ॥
ये पुण्य ही तो है मेरे , 
जो मै उसके आँगन आई । 
गोद मै तेरे बड़ी हुई , 
जीवन की खुशियाँ पाई ॥ 
ईश्वर से बस इतना चाहूँ, 
सदा आपका साथ रहे । 
मिले खुशी या गम के पल हो, 
सिर पर तेरा हाथ रहे ॥
आप हमारा जीवन हैं , 
हम है सांसे आपकी ॥
आधारशिला हो आप हमारी , 
हम है इमारत आपकी ॥ 

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