गुरुवर आज करो स्वीकार
मेरा शत शत अभिनन्दन ।
तेरी शरण में आकर ही
धन्य हुआ मेरा जीवन ॥
माँ ने मुझको जन्म दिया
और पिता ने मुझको पाला ,
पर जीवन की मुश्किल राहों में
इक तुमने ही मुझे सभांला ,
हर जनम में आशीष आपका पाऊँ
यही करूं ईश्वर से वन्दन ।
गुरुवर आज करो स्वीकार
मेरा शत शत अभिनन्दन ॥
दुनिया में जब सबने कहा
मुझको मूरख अज्ञानी ,
इक तुमने ही तो थी
मेरी प्रतिभा पहचानी ,
मेरे संग तप कर तुमने
बना दिया मुझको कंचन ।
गुरुवर आज करो स्वीकार
मेरा शत शत अभिनन्दन ॥
विश्वामित्र से पाकर शिक्षा
रामचन्द्र भगवान बने ,
द्रोण मूर्ति से लेकर दीक्षा
एकलव्य जग में महान बने ,
सानिध्य आपका पाकर के
पावन हुआ मेरा मन दर्पण ।
गुरुवर आज करो स्वीकार
मेरा शत शत अभिनन्दन ॥
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंaapke jaise shishyo se to guru ki mahima badhtee hai
जवाब देंहटाएंbahut achha