जिन्दगी कभी सवाल कभी जवाब होती है,
कभी ये हकीकत कभी ख्वाब होती है ।
किसी एक पल खुशियाँ बेहिसाब होती है ,
कभी उम्र भर के गम का सैलाब होती है ॥
कभी हंसी मुकद्दर बन मुस्कुराती है जिन्दगी ,
कभी मुकद्दर की हंसी उडाती है जिन्दगी ।
कभी खुशी में आँख नम कर जाती जिन्दगी ,
कभी दर्द में अश्कों का रेगिस्तां बन जाती जिन्दगी ॥
कभी दुनिया के बाजार में बेची जाती जिन्दगी ,
कभी बिना दाम के ही बिक जाती जिन्दगी ।
कभी अल्लाह से दुआ जीने की माँगती जिन्दगी ,
कभी मौत की भीख को तरसती रह जाती जिन्दगी ॥
कभी गुलिस्ताँ का हसीन फूल जिन्दगी ,
कभी पतझड में बिखरे पत्तों सी जिन्दगी ।
कभी सबसे अजीज दोस्त लगती जिन्दगी ,
कभी दुश्मन के खंजर सी चुभती जिन्दगी ॥
साँसो के आने जाने का नही नाम जिन्दगी ,
हासिल करने का ही तो नही नाम जिन्दगी ।
औरों के जो काम आये वो ही पल है जिन्दगी ,
मर कर भी जो जिये उसी का नाम जिन्दगी ॥
सांसो के आने जाने का नही नाम जिन्दगी ,
जवाब देंहटाएंहासेल करने का ही तो नही नाम जिन्दगी ।
औरो के जो काम आये वो ही पल है जिन्दगी ,
मर कर भी जो जिये उसी का नाम जिन्दगी ॥
यही तो है ज़िन्दगी।
जीना उसी का जीना है जो औरो के काम आये।
ke baat ha jijjee badi safgoi se zindgee ka falsafa bata diya
जवाब देंहटाएंजिंदगी की ये परिभाषाएं भी खूब कही गई है|
जवाब देंहटाएंब्रह्माण्ड
बहुत खूबसूरती से ज़िंदगी को कहा है ..
जवाब देंहटाएंबहुत पसन्द आया
जवाब देंहटाएंहमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
very nice poem.
जवाब देंहटाएंbahut khubsutarti se jindgi ko shabdon main piroya hai.
जवाब देंहटाएंऔरों के जो काम आये वो ही पल है जिन्दगी ,
जवाब देंहटाएंमर कर भी जो जिये उसी का नाम जिन्दगी ॥
zindgi ke kai roop ....
sunder rachna ...!!
बहुत बेहतरीन परिभाषित किया है जिन्दगी को.
जवाब देंहटाएंnice aap ka thaks
जवाब देंहटाएंकभी हंसी मुकद्दर बन मुस्कुराती है जिन्दगी ,
जवाब देंहटाएंकभी मुकद्दर की हंसी उडाती है जिन्दगी ....... खूब
http://boseaparna.blogspot.in/
Zindgi jee kar hi aabhas hota hai....nahi to..nice
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