दिल कहता है , देश मेरा आजाद होगा एक दिन
हर एक बुराई से
जाति धर्म की लडाई से
दिल कहता है .................
ना होगा कोई छोटा बडा
ना होंगे कुरीतियों के बन्धन
ना होगी आनर किलिंग
ना बिछडेंगें दो व्याकुल मन
दिल कहता है , देश मेरा आजाद होगा एक दिन
नफरत की आग से
खोखले रूढिवाद से
दिल कहता है ...................
सोच मे विस्तार होगा ,
प्रीत का व्यवहार होगा
नष्ट भ्रष्टाचार होगा
खेतों का विस्तार होगा
दिल कहता है , देश मेरा आजाद होगा एक दिन
असंतुलित पर्यावरण से
दहेज के दूषित आवरण से
दिल कहता है ..........................
सोने की चिडिया फिर से देश होगा
नारी होना ना कोई दोष होगा
जय हिन्दी जय भारत जय जण गन
बस हर तरफ यही उद्घोष होगा
दिल कहता है , देश मेरा आजाद होगा एक दिन
महँगाई के भार से
घर घर होते दुराचार से
दिल कहता है ......................
दिल कहता है , देश मेरा आजाद होगा एक दिन
हर एक बुराई से
जाति धर्म की लडाई से
दिल कहता है .................
देश प्रेम के भावों से ओत प्रोत आपकी यह रचना ..एक सुंदर देश और समाज की कल्पना की और ले जाती है , यह संभव भी है लेकिन शर्त सिर्फ इतनी सी है कि हमारी सोच और कर्म बदलना चाहिए .....!
जवाब देंहटाएंवह सुबह कभी तो आयेगी।
जवाब देंहटाएंHappy to see optimistic approach despite numerous problems prevailing in human life.
जवाब देंहटाएंसोने की चिडिया फिर से देश होगा
जवाब देंहटाएंनारी होना ना कोई दोष होगा
ऐसा ज़रूर होगा।
सादर
देश प्रेम से ओत-प्रोत सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंसुंदर सुनहरे विचारों से सजी बेहतरीन कविता...
जवाब देंहटाएंभारत माँ के दर्शन करवाने के लिए आभार.
दिल कहता है , देश मेरा आजाद होगा एक दिन
जवाब देंहटाएंहर एक बुराई से
जाति धर्म की लडाई से
दिल कहता है .................आप का दिल सही कहता है येसा जरुर होगा...
काश कभी ऐसा हो जाए ... सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंदेश के लिए ये सपना आपके साथ पुरे देश के लोगो की आखो में पल रहा है...दिल कहता है सच तो होगा...
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुन्दर भावनाएं....
जवाब देंहटाएंसादर...
बहुत सुन्दर भाव...काश ऐसा हो जाए...बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंआप की तरह मेरे जैसे कइयों को उस सुबह का इंतज़ार है
जवाब देंहटाएंदुष्यंत कुमार की शायरी में मुहब्बत और ज़िंदगी
दिल कहता है , देश मेरा आजाद होगा एक दिन
जवाब देंहटाएंहर एक बुराई से
जाति धर्म की लडाई से
दिल कहता है .................
अगर सबका दिल कुछ ऐसा ही कहने लगे तो वो दिन दूर नहीं दोस्त वो दिन जरूर आएगा ऐसा मेरा दिल भी कहता है |
बहुत सुन्दर रचना |
मैं बस यही कहूंगी कि..........आमीन !!
जवाब देंहटाएंदेश प्रेम के भावों से भरी सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबेहतरीन कविता...
वंदे मातरम !
जवाब देंहटाएंबढ़िया कविता लिखी है आदरणीया अपर्णा जी !
बहुत बधाई !
सोच मे विस्तार होगा
प्रीत का व्यवहार होगा
नष्ट भ्रष्टाचार होगा
अवश्य होगा…
लेकिन
भ्रष्टाचारियों और तानाशाहों से मुक्ति पाने के लिए
अब लगातार यह याद रखना है ,
और संपर्क में आने वाले हर शख़्स को निरंतर याद दिलाते रहना है ,
प्रेरित करते रहना है कि चुनाव के वक़्त सही आदमी को वोट देना है …
और
मतदान आवश्यक कार्य मानते हुए
पूरे दायित्व तथा समझ के साथ सही व्यक्ति/सही पार्टी को वोट देना है !
…अन्यथा दोषी आप-हम ही होंगे …
अच्छी रचना है राष्ट्रहित और देशप्रेम से ओत-प्रोत …
पुनः साधुवाद !
अंत में …
बीते हुए हर पर्व-त्यौंहार सहित
आने वाले सभी उत्सवों-मंगलदिवसों के लिए
♥ हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
देश प्रेम से ओत-प्रोत सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंचलिये आपके-हमारे दिल की मुराद पूरी हो.
जवाब देंहटाएंहम सबकी आशा है के ऐसा जरूर होगा! बहुत अच्छी कविता!
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