इक मुद्दत के बाद
जब उनसे मुलाकात हुयीजुबाँ पे एक भी
लफ्ज ना पाया हमने.....खुशी से आँखे नम
हुयी कुछ इस तरहजैसे तपती रेत पर
ओस को पाया हमने......माँग रही थी खुदा से
खुशी चंद लम्हात कीदीदार से तमाम उम्र का
बेशुमार सुकू पाया हमने....ख्वाब जो हर रात
संजोती थी पलकों तलेहकीकत की जमीं पर
नूर सा पाया हमने.....खुदा ठुकराता नही
सच्चे दिलों की दुआइस बात पर अब यकीं
खुद को दिलाया हमने....
बहुत बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन।
जवाब देंहटाएंसादर
वाकई, सच्ची दुआ क़ुबूल होती है..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना,लाजबाब प्रस्तुतीकरण..
जवाब देंहटाएंNEW POST...40,वीं वैवाहिक वर्षगाँठ-पर...
खुशियों का मतलब उनका दीदार ही था ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावाभिव्यक्ति !
अच्छा लिखा है अपर्णा जी... बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंसुंदर , मोहक अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएं[देव]
sunadr uttam prastuti...
जवाब देंहटाएंकल 03/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
बहुत ही गहरे और सुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....
जवाब देंहटाएंआस कभी भी साथ म छोड़े..
जवाब देंहटाएंसुन्दर!
जवाब देंहटाएंbahut sundar bhaav
जवाब देंहटाएंभावभीनी रचना !!
जवाब देंहटाएंअनुपम भाव संयोजन ।
जवाब देंहटाएंखुदा ठुकराता नही
जवाब देंहटाएंसच्चे दिलों की दुआ
इस बात पर अब यकीं
खुद को दिलाया हमने....
....बहुत खूब! बहुत सुंदर अभिव्यक्ति...
बेहतरीन भावभिव्यक्ति ...http://mhare-anubhav.blogspot.com/ समय मिले कभी तो आयेगा मेरी इस पोस्ट पर आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएं//जैसे तपती रेत पर
जवाब देंहटाएंओस को पाया हमने......
//खुदा ठुकराता नही
सच्चे दिलों की दुआ
//इस बात पर अब यकीं
खुद को दिलाया हमने....
waah.. bahut khoob.. :)
अतिसुन्दर रचना है मन को छू गई |
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण...
जवाब देंहटाएंइस बात पर अब यकीं
खुद को दिलाया हमने....
हर मुलाकात में तवारीख लिखी होती है
जवाब देंहटाएंदर्दे दिल की हर बात सहज होती है
हमसफ़र कोइ जब बिछुड़ जाता है
उसकी हर याद बहुत प्यारी चीज होती है