तुम ईश्वर की श्रेष्ठतम कृति
तुम ही तो धरती का वरदान
जो कुछ मुझमें , है वो सब तेरा
ये सौभाग्य मेरा हम तेरी सन्तान..................
तुम अतुलनीय, तुम वन्दनीय
तुम आधार मेरा, तुम ही मंजिल
तुम अनुकरणीय, तुम देवतुल्य
बसती तुझमें ममता की खान
ये सौभाग्य मेरा,.............................
सूरत में तेरी, दिखते हैं प्रभू
तुम प्रथम मित्र तुम प्रथम गुरु
जग से भला कहाँ पा सकते थे
पाया है तुमसे जो अतुलित ज्ञान
ये सौभाग्य मेरा........................
तुम लेन देन से हो परे
तुम मेरी सोच में हो शामिल
हम अंश तेरे, तुम मेरी आत्मा
हम छाया तेरी तुम मेरा अभिमान
ये सौभाग्य मेरा......................
तथ्य पूरक |
जवाब देंहटाएंis duniya main maa se badkar koi nahin , maa ko shat shat naman, sundar rachna
जवाब देंहटाएंis duniya main maa se badkar koi doosra nahin, maa ko shat shat naman, sundar rachna
जवाब देंहटाएंजननी को समर्पित अति भावप्रबल पंक्तियाँ बाल्यकाल से अब तक ममता की मूर्ती माँ की याद दिला गई . बहुत सुँदर अपर्णा .
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर,......
जवाब देंहटाएंmy resent post
काव्यान्जलि ...: अभिनन्दन पत्र............ ५० वीं पोस्ट.
माँ का प्रेम अतुलनीय है...बहुत सुंदर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंमाँ का स्थान अतुलनीय है।
जवाब देंहटाएंbahut sundar and satya..
जवाब देंहटाएंmaja aa gaya..
aaj hee apni mummy ko sunaunga..
Thanks chakresh.... I wish aunti ji ko pasand aay
हटाएंbahut sundar aur satya...
जवाब देंहटाएंaaj hi apni ma ko sunaunga...
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंइस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ!
आप्को भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
हटाएंसुन्दर विचार, सुन्दर प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंमाँ तो बस माँ है
जवाब देंहटाएंबेशक ,
जवाब देंहटाएंइनसे बड़ा इस संसार में सम्मान का अधिकारी कोई नहीं...
अगर पूजा अर्पित करनी है तो पहली पूजा माँ को ...
माँ मूरतिया नेह की, ममता अपरम्पार|
जवाब देंहटाएंमाँ सृष्टि की बीज है, माँ जीवन आधार||