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मंगलवार, 25 अगस्त 2020

मुस्कुराते रहो



प्यार के गीत गाते रहो
हर हाल मुस्कुराते रहो ॥

जीत हार से होकर परे ।
जश्न ए खुशी मनाते रहो ॥

छोड़ परेशानी जमाने की ।
तराने नये गुनगुनाते रहो ॥

गिरा दीवारें जात पात की ।
गिरों को गले से लगाते रहो ॥

बढ़ता चल,चलना ही जिंदगी ।
ठहरों को बात ये बताते रहो ॥

चमकना तन ही काफी नहीं ।
मैले मन का भी मिटाते रहो ॥

कुछ दूरियां ले आती नजदीकी ।
नुस्खा-ए-पलाश आजमाते रहो ॥

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