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मंगलवार, 15 मार्च 2022

अर्धविराम



जब तक है श्वासें इस तन में

मै पूर्णविराम नहीं लगाऊंगा

जीवन की हर इक घटना को 

मै अर्धविराम ही बतलाऊंगा


इस जग में किसे अभाव नहीं

किंतु रुकना मेरा स्वभाव नहीं

प्राण यात्रा के प्रत्येक लक्ष्य को

मै अर्धविराम ही बतलाऊंगा

जब तक है श्वासें इस तन में

मै पूर्णविराम नहीं लगाऊंगा


भिक्षुक बन क्षण कभी आता

कभी दाता रूप में दे जाता 

जीवन की रिक्तता पूर्णता को 

मै अर्धविराम ही बतलाऊंगा

जब तक है श्वासें इस तन में

मै पूर्णविराम नहीं लगाऊंगा


सफलता की कोई माप नहीं

असफलता खाली हाथ नहीं

सुखदुख के क्षणभंगुर क्षण को 

मै अर्धविराम ही बतलाऊंगा

जब तक है श्वासें इस तन में

मै पूर्णविराम नहीं लगाऊंगा

4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 17.3.22 को चर्चा मंच पर चर्चा - 4372 में दिया जाएगा| चर्चा मंच ब्लॉग पर आपकी उपस्थिति सभी चर्चाकारों की हासला अफजाई करेगी
    धनयवाद
    दिलबाग

    जवाब देंहटाएं
  2. भावपूर्ण सृजन।
    आशा और सकारात्मकता का सुंदर दृश्य।

    जवाब देंहटाएं

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और लेखन को सुधारने के लिये आवश्यक

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