आज जो है संग तेरे, उनके साथ जी लो जिन्दगी,
क्या पता कल उनसे कभी, फिर मुलाकात हो कि ना हो....राह में काँटें मिले तो भी रुको नही, बढते ही चलो,
क्या पता कल मंजिल को तेरा इन्तजार हो कि ना हो...अश्क गर बहते हैं, तो बहने दो, रोको ना इन्हे,
क्या पता इस रेत में फिर कभी बरसात हो कि ना हो...दोस्तों से दोस्ती का वादा, भूल कर भी ना करना कभी,
क्या पता कल उनको ही तुझपे ऐतबार हो कि ना हो...मांगना है गर कुछ खुदा से, माँग ले तू आज अभी,
क्या पता कल माँगने जैसे तेरे फिर हालात हो कि ना हो...शब्द जो मन में है तेरे, सहेज लो कोई कविता बनाकर,
क्या पता कल तेरे ही दिल में फिर ये जज्बात हो कि ना हो...
शब्द जो मन में है तेरे, सहेज लो कोई कविता बनाकर,
जवाब देंहटाएंक्या पता कल तेरे ही दिल में फिर ये जज्बात हो कि ना हो...
खूबसूरती से सहेजे एहसास
शब्द जो मन में है तेरे, सहेज लो कोई कविता बनाकर,
जवाब देंहटाएंक्या पता कल तेरे ही दिल में फिर ये जज्बात हो कि ना हो...शब्दों की अनवरत खुबसूरत अभिवयक्ति......
कालि करे सो आज करे , आज करे सो अब . सुँदर सुझाव .
जवाब देंहटाएंमांगना है गर कुछ खुदा से, माँग ले तू आज अभी,
जवाब देंहटाएंक्या पता कल माँगने जैसे तेरे फिर हालात हो कि ना हो..
दिल को छू गयी यह पोस्ट!
सादर
thanks yash ji...
जवाब देंहटाएंअति-उत्तम ।
जवाब देंहटाएंआभार ।।
शब्द जो मन में है तेरे, सहेज लो कोई कविता बनाकर,
जवाब देंहटाएंक्या पता कल तेरे ही दिल में फिर ये जज्बात हो कि ना हो...
वाह ………क्या बात कही है
....बहुत खूब कहा है दी !
जवाब देंहटाएंसच कहा आपने आपकी बेहतरीन सोंच इस सुन्दर-सी कविता में प्रतिबिंबित हो रही है.
जवाब देंहटाएंवाह.
शब्द जो मन में है तेरे, सहेज लो कोई कविता बनाकर,
जवाब देंहटाएंक्या पता कल तेरे ही दिल में फिर ये जज्बात हो कि ना हो...
खूबसूरत आह्वान
गुरुवर के आदेश से , मंच रहा मैं साज ।
जवाब देंहटाएंनिपटाने दिल्ली गये, एक जरुरी काज ।
एक जरुरी काज, बधाई अग्रिम सादर ।
मिले सफलता आज, सुनाएँ जल्दी आकर ।
रविकर रहा पुकार, कृपा कर बंदापरवर ।
अर्जी तेरे द्वार, सफल हों मेरे गुरुवर ।।
शनिवार चर्चा मंच 842
आपकी उत्कृष्ट रचना प्रस्तुत की गई है |
charcamanch.blogspot.com
शब्द जो मन में है तेरे, सहेज लो कोई कविता बनाकर,
जवाब देंहटाएंक्या पता कल तेरे ही दिल में फिर ये जज्बात हो कि ना हो..
बहुत सही कहा आपने बधाई ........
जीवन की क्षण भंगुरता की और संकेत करती रचना -तुम आज अभी कुछ जिलो ,तुम आज अभी कुछ गालो ,कल शायद कंठ सुर ताल हो न . हो .
जवाब देंहटाएंआज जो है संग तेरे, उनके साथ जी लो जिन्दगी,
जवाब देंहटाएंक्या पता कल उनसे कभी, फिर मुलाकात हो कि ना हो....
हृदयस्पर्शी...और सीख भी
सादर
यशोदा
शब्द जो मन में है तेरे, सहेज लो कोई कविता बनाकर,
जवाब देंहटाएंक्या पता कल तेरे ही दिल में फिर ये जज्बात हो कि ना हो...
....वाह अपर्णा जी ....बहुत सुन्दर बात कही है ...पहली बार आना हुआ आपके ब्लॉग पर !
शब्द जो मन में है तेरे, सहेज लो कोई कविता बनाकर,
जवाब देंहटाएंक्या पता कल तेरे ही दिल में फिर ये जज्बात हो कि ना हो...bilkul sahi nd satik soch...
वाह ...बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भाव ,,
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर अहसास है रचना में..
जो आज है उसे जी भर जी लो पता नहीं कल वो हालात हो की न हो...
सुन्दर अभिव्यक्ति.....
वाह!!!!!!बहुत खूब,अच्छी प्रस्तुति........
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: यदि मै तुमसे कहूँ.....
वर्तमान को आज सफल हो जाने दो।
जवाब देंहटाएंशब्द जो मन में है तेरे, सहेज लो कोई कविता बनाकर,
जवाब देंहटाएंक्या पता कल तेरे ही दिल में फिर ये जज्बात हो कि ना हो...
बहुत सार्थक रचना...
सादर।
sundar post
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना है बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन रचना....
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग
विचार बोध पर आपका हार्दिक स्वागत है।
अश्क गर बहते हैं, तो रोको न इनको , बहने दो
जवाब देंहटाएंक्या पता इस रेत में बरसात, आगे हो न हो !
गज़ब की अभिव्यक्ति है ...
यह पंक्तियाँ और भावनाएँ आपमें संवेदनशीलता की गहराई का अहसास कराती है !
भविष्य के लिए शुभकामनायें !
बहुत सुन्दर रचना है बधाई।...
जवाब देंहटाएंशब्द जो मन में है तेरे, सहेज लो कोई कविता बनाकर,
जवाब देंहटाएंक्या पता कल तेरे ही दिल में फिर ये जज्बात हो कि ना हो...
वाह!! क्या पता कल हो न हो!!
सच है जो करना है आज ही कर लेना चाहिए .. कल की बातें ठीक नहीं ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना है
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