हूँ जरा नादां मगर
मैं जानती ये बात हूँ
तू मेरी पहचान है और
मैं तेरी पहचान हूँ
हर घडी हर पल जो मेरे
साथ चलता वक्त सा
लगती कभी उसके सी मैं
लगता वो मेरे अक्स सा
दिल से उसको पूजती,जिसके
दिल का मैं अरमान हूँ
हूँ जरा नादां मगर...
दूर जब उससे रहूँ,
खुशबू सा तन मन में बसे
वो मेरी मुस्कान बन,
अँखियों के दरपन से हँसे
प्रीत का दीपक है वो,
मै दीप का अभिमान हूँ
हूँ जरा नादां मगर...
दूर जब उससे रहूँ, खुशबू सा तन मन में बसे
जवाब देंहटाएंवो मेरी मुस्कान बन, अँखियों के दरपन से हँसे
अक्सर थोड़ी दूरियां प्रेम को मिटती नहीं है , खुशबू सी रच बस जाती है !
खूबसूरत भाव !
सुन्दर गीत....
जवाब देंहटाएंWaah! behtreen abhivyakti!
जवाब देंहटाएंये अतिशय प्यारी ग़ज़ल मेरे साथ जाने को मचल रही है
जवाब देंहटाएंऔर मैं मना भी नहीं कर पा रही हूँ
आप भी आइये न... नई-पुरानी हलचल में
शनिवार दिनांक 15 सितम्बर को..आपकी पूर्व परिचित जगह
नई-पुरानी हलचल में
प्रतीक्षा रहेगी आपकी
सादर
यशोदा
दूर जब उससे रहूँ, खुशबू सा तन मन में बसे
जवाब देंहटाएंवो मेरी मुस्कान बन, अँखियों के दरपन से हँसे ...
बहुत खूब ... प्रेम दिलो जान तक छाया हो तो अक्सर ऐसा होता है ...
प्रेम भरी ...
खूबसूरत गजल
जवाब देंहटाएंखूबसूरत भाव !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन एहसास
जवाब देंहटाएंसादर
परस्पर यह आश्रय बना रहे।
जवाब देंहटाएंप्रीत का दीपक है वो, मै दीप का अभिमान हूँ ,...बहुत कोमल भावों की रागात्मक रचना बीन वो मेरी है मैं बीन की झंकार हूँ .,राग मैं तेरा हूँ और गायन - हार भी .
जवाब देंहटाएंram ram bhai
बृहस्पतिवार, 13 सितम्बर 2012
हाँ !यह भारत है
"वो मेरी मुस्कान बन ,अँखियों के दरपन से हँसे" बहन ग़ज़ल तो मेरे दिल को छू गयी । बहुत सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ..हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ..हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंखुबसुरत गज़ल.
जवाब देंहटाएंवाह सीप में मोती सा रिश्ता ....बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर व मधुर रचना !:-)
जवाब देंहटाएं~धड़कन बन बसती जिस दिल में...
उस धड़कन की सुरीली तान हूँ... ~
अति सुंदर ...
जवाब देंहटाएंमंजु
(manukavya.wordpress.com)
वाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंआपकी बेहद खूबसूरत नज्म भी खुशबू सी रच बस रही है ।
जवाब देंहटाएंबहन टिप्पणी सम्बंधित समस्या को आशीष के सहयोग से दूर कर दिया | धन्यवाद सुझाव के लिए |
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तु्ति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सृजन, सादर.
हटाएंकृपया मेरे ब्लॉग"meri kavitayen" पर भी पधारने का कष्ट करें.
बहुत ही उत्तम रचना |
जवाब देंहटाएं-आकाश
ak achchhi gajal
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