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सोमवार, 1 अप्रैल 2013

मै कौन हूँ ????




कभी अधूरी प्यास हूँ , कभी खामोश आवाज हूँ ,
कभी धूल मै राहों की , कभी  गीत का साज हूँ

कभी किसी का राज हूँ , कभी किसी का नाज हूँ ,
कभी अनबुझ पहेली हूँ कभी तडपती बात हूँ

कभी आइने सी साफ हूँ , कभी पाकीजा आग हूँ ,
कभी मैं शीतल छाया सी ,कभी प्रतीक्षित सौगात हूँ

कभी बहता झरना हूँ, कभी जंजीरों मे जकडी हूँ,
कभी सुहाना मौसम हूं , कभी मचलती बरसात हूँ

कभी तन्हा जीवन हूँ , कभी महफिल की शान हूँ
कभी हंसी सुबह हूँ तो , कभी बिखरती रात हूँ

कभी रिवाजो की गठरी , कभी काठ की पुतली हूँ
कभी लाज शर्म की मूरत , कभी मै टूटी साख हूँ

कभी बोझ अपनो का हूँ , कभी अमानत परायी हूँ
कभी सिमट्ती धरती हूँ , कभी स्वच्छंद आकाश हूँ

बाबुल की चहेती गुडिया हूँ, खुद के लिये "पलाश" हूँ
पर सदा ही मै एक नारी हूँ, कभी आम कभी खास हूँ

19 टिप्‍पणियां:

  1. कभी बोझ अपनो का हूँ , कभी अमानत परायी हूँ
    कभी सिमट्ती धरती हूँ , कभी स्वच्छंद आकाश हूँ

    सटीक भावाभिव्यक्ति ...!!!

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  2. कभी आइने सी साफ हूँ , कभी पाकीजा आग हूँ ,
    कभी मैं शीतल छाया सी ,कभी प्रतीक्षित सौगात हूँ
    sandar lines hai

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  3. क्या कहूं......शब्द नहीं है ....बहुत ही सुन्दर

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  4. नारी के विभिन्न रुपो का बहुत सुन्दर वर्णन
    अति सुन्दर ..

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  5. पहेली समझते हैं लोग पर बहुत सरल हूँ मैं!

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  6. अभिब्यक्ति स्नेह की पावन सरिता बूझे अपना राग
    कौन हूँ 'मै , कहाँ हूँ,पूछे निज अनुभाग
    जिसके प्रेम का पावन परिणय सागर रहा है मांग
    वह पूछे ;;मै कौन हूँ ; रचा बिधाता स्वांग ........

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  7. pravah liye hue asar chodti hui ek saundhi si rachna :-)

    मेरी नयी रचना Os ki boond: लव लैटर ...

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  8. बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति

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  9. ...बहुत ही सुन्दर

    नई रचना
    तभी तो हमेशा खामोश रहता है आईना !!

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  10. बहुत ही सुन्दर रचना ! मन की अभिव्यक्ति !

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