प्रशंसक

मंगलवार, 28 मार्च 2017

माँ दुर्गे का भजन....


अम्बे मइया के दरबार, लगी भक्तो की कतार
कोई लाया लाल चुनरिया॒॑sss - 2, कोई करे जयकार
शेरोवाली के दरबार, लगी भक्तो की कतार

दुष्ट जनों का नाश किया,
दुर्बल के कष्ट मिटाये
जो भी पुकारे भक्तिभाव से,
मइया के दर्शन पाये
खाली हाथ ना लौटा वो जोss - 2 आया माँ के द्वार
अम्बे मइया के दरबार, लगी भक्तो की कतार

सिन्दूर सोहे माँ के माथे,
सजे कंठ में माला
सिंह की अम्बे करे सवारी,
लेकर बरछी भाला
मइया का है रूप निराला ss - 2, महिमा अपररम्पार
अम्बे मइया के दरबार, लगी भक्तो की कतार

ब्रह्मा विष्नु महेस सभी,
करते गौरी का गान
ममता का है रूप भवानी
और शक्ति की खान
जो भी आया लेकर झोली ss - 2, उसे मिला वरदान
अम्बे मइया के दरबार, लगी भक्तो की कतार

कोई लाया लाल चुनरिया॒॑sss - 2, कोई करे जयकार
शेरोवाली के दरबार, लगी भक्तो की कतार

* चित्र के लिये गूगल का आभार

1 टिप्पणी:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरूवार (30-03-2017) को

    "स्वागत नवसम्वत्सर" (चर्चा अंक-2611)

    पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं

आपकी राय , आपके विचार अनमोल हैं
और लेखन को सुधारने के लिये आवश्यक

GreenEarth