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शनिवार, 30 दिसंबर 2017

जिन्दगी वादा है तुमसे नये वर्ष का

जिन्दगी
वादा है तुमसे,
इस वर्ष
नही दूंगी तेरी आंखों में आंसू
नही सिसकेगी तू चुपके चुपके
रात में तकिये के नीचे
नही मरेगी तिल तिल
किसी अत्याचारी के हाथ
नही होने दूंगी उदास
किसी वीरान कोने में चुपचाप
जिन्दगी रहूंगी
प्रतिपल तेरे ही साथ इस साल
बांटूंगी ढेरों खुशियां
ले चलूंगी तुझे 
उन लोगो के बीच
जो हार चुके है तुझसे
हम मिलक भरेंगे उनमें
उम्मीद की नयी रोशनी
जगायेगें उनमें
जीने का हुनर
जो जीते जी, जी रहे है
कभी घुट घुट कर कभी मर मर कर
तेरे साथ मिल कर करना है
मुझे एक यज्ञ
जिसमें दूंगी आहुति
अहंकार क्रोध और द्वेश की
जीतने को जीवन संग्राम
भस्म कर दूंगी
निराशा कुंठा और ईर्ष्या 
जो ले जाती हैं मुझे तुमसे दूर
जिन्दगी
वादा है तुमसे
दूंगी तुम्हे कुछ ऐसा इस साल
करेगी तू नाज
कभी खुद पर कभी मुझ पर
रहूंगी इस वर्ष
प्रतिपल तेरे ही साथ
हर सुख में हर दुख में
समरूपता से सम भाव से

6 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद ब्लॉग पर 'सोमवार' ०१ जनवरी २०१८ को लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

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  2. मायूसियों में डूबते जीवन को दिलाशा देती आशाओं के पंख लगाती बेहतरीन रचना जो 30 दिसंबर को रची गई वहीं हमारे देश में सेना को मोर्चे पर कठिन दौर से होकर गुज़रना चुनौती हो गयी है... कल पाँच सैनिकों के परिवारों में ज़िंदगी का दूसरा ही रूप बिखर गया....
    नव वर्ष मंगलमय हो.

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  3. वाह!!!
    बहुत सुन्दर ...
    जिन्दगी से साक्षात्कार!!!
    लाजवाब अभिव्यक्ति.

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  4. आपको सूचित करते हुए बड़े हर्ष का अनुभव हो रहा है कि ''लोकतंत्र'' संवाद ब्लॉग 'मंगलवार' ९ जनवरी २०१८ को ब्लॉग जगत के श्रेष्ठ लेखकों की पुरानी रचनाओं के लिंकों का संकलन प्रस्तुत करने जा रहा है। इसका उद्देश्य पूर्णतः निस्वार्थ व नये रचनाकारों का परिचय पुराने रचनाकारों से करवाना ताकि भावी रचनाकारों का मार्गदर्शन हो सके। इस उद्देश्य में आपके सफल योगदान की कामना करता हूँ। इस प्रकार के आयोजन की यह प्रथम कड़ी है ,यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा। आप सभी सादर आमंत्रित हैं ! "लोकतंत्र" ब्लॉग आपका हार्दिक स्वागत करता है। आभार "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

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  5. निमंत्रण पत्र :
    मंज़िलें और भी हैं ,
    आवश्यकता है केवल कारवां बनाने की। मेरा मक़सद है आपको हिंदी ब्लॉग जगत के उन रचनाकारों से परिचित करवाना जिनसे आप सभी अपरिचित अथवा उनकी रचनाओं तक आप सभी की पहुँच नहीं।
    ये मेरा प्रयास निरंतर ज़ारी रहेगा ! इसी पावन उद्देश्य के साथ लोकतंत्र संवाद मंच आप सभी गणमान्य पाठकों व रचनाकारों का हृदय से स्वागत करता है नये -पुराने रचनाकारों का संगम 'विशेषांक' में सोमवार १५ जनवरी २०१८ को आप सभी सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद !"एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

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और लेखन को सुधारने के लिये आवश्यक

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