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सोमवार, 14 फ़रवरी 2011

स्लैप डे (१५ फरवरी )



इधर कुछ दिनों से वह कुछ बीमार सी थी , मगर कल जब सुबोध ने उससे रोज गार्डेन में मिलने के लिये आने को कहा तो वह मना नही कर सकी । पिछले तीन साल पहले वो पहली बार उससे वही तो मिली थी , और तब से हर साल वो अपना और अपने प्यार की वर्षगांठ मनाने वही जाते थी । ये एक संयोग ही था कि उसका जन्मदिन वैनेन्टाइन डे पर ही होता था । उस दिन वो अपना जन्मदिन मनाने ही तो अपनी सहेलियों के साथ गयी थी , और वही सुबोध से मिली थी । वहाँ उसकी सुबोध से मिलना भी किसी फिल्मी कहानी से कम ना था । आज हिम्मत ना होते हुये भी वो पूरे मन से सुबोध से मिलने गयी थी । पूरे दिन वो साथ रह कर जब शाम को घर लौटी तो उसे लगा कि उसने जा कर अच्छा ही किया ।  आज सुबह जब वो डाक्टर के पास से अपनी रिपोर्ट ले कर आई तो जैसे उसके पैरों से जमीन ही खिसक गयी । उसे एड्स हुआ था । उसे अपने से ज्यादा चिन्ता सुबोध की हो रही थी , कैसे उसे बताये , वो यह सुन कर बिल्कुल टूट जायगा । काफी सोचने के बाद उसने निर्णय लिया कि वो उसे बता देगी और साथ ही उससे यह वादा भी ले लेगी कि वो किसी और से शादी कर ले । मेरे साथ अब उसका कोई भविष्य नही । उसने सुबोध को जैसे ही फोन किया- सुबोध बोला कहाँ थी सुबह से कितनी बार फोन किया उठाया क्यो नही मै बस आफिस से तुम्हारे घर ही आने वाला था , मैने उसको बीच में रोकते हुये कहा –सुबोध मै जो कहने जा रही हूँ उसे बहुत धैर्य से सुनना मुझे एड्स हो गया है ।मेरे ये कहते ही उसने कहा- सुमी ये क्या कह रही हो ,ऐसा कैसे हो सकता है , हम किसी अच्छे डाक्टर को दिखायेंगें । मैने कहा सुबोध अब कोई उम्मीद नहीं ,ये रिपोर्ट एकदम सही है । तब सुबोध ने बिल्कुल रूखे ढंग से कहा – सुमी अगर ये सच है तो हमें बहुत धैर्य से काम लेना होगा ।हमें अब अपनी जिन्दगी अलग अलग जीनी होगी । यह सुनने के बाद मुझमें कुछ भी और सुन पाने की शक्ति शेष नही बची थी , मुझे लगा जैसे किसी ने मुझे बहुत जोर का तमाचा मार दिया हो जिससे मेरे कान सुन्न से हो गये । फिर कोई शब्द सुनाई नही दिया । मगर दिमाग से एक आवाज आई – हैप्पी स्लैप डे ।

30 टिप्‍पणियां:

  1. i unable to understand that it is irony on slap day or mutual confindence or so called love.But any way the short story is unique

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  2. ये भी जीवन की एक सच्चाई है जो चाहे अनचाहे स्वीकारनी पड़ती है. प्यार को जीवन भर का साथ कहते हैं किन्तु प्यार का एक रूप ये भी है जो अधिकांशतया दिखाई देता है...

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  3. अच्‍छी कहानी। सीख देती कहानी।

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  4. यही बात वाह स्वयं कहने वाली थी ....पर सुबोध द्वारा कहना उसके हृदय पर आघात कर गया ...अच्छी लघुकथा

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  5. वहाँ उसकी सुबोध से मिलना भी किसी फिल्मी कनानी से कम ना था ।
    उसकी की जगह उसका
    फिल्मी कनानी की जगह कहानी
    उठाया क्यो नही ? लगा लीजिये
    मैने उसको बीच में रोकते हुये बोला –
    मैंने उसे बीच में रोकते हुए कहा ...कर लीजिये
    अपर्णा जी
    यह कुछ सुझाब हैं ...अगर सही लगे तो शामिल कर लीजिये
    अनुस्वार का ख्याल रखा करें
    एक प्रार्थना के साथ इस टिप्पणी को प्रकाशित न करें
    आपकी कहानी बहुत भाव पर्ण है ..टिप्पणी बाद में करूँगा

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  6. वैसे इसमें कोई नई बात नही है। हर इंसान स्वार्थी होता है। हॉ ये अलग बात है कि जबतक जरूरत नही पड़ती हमें इसका पता नही चलता। सुन्दर कथा।

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  7. कुछ सच्चाइयां बहुत कटु होती हैं और जब यथार्थ बोध होता है तो पता चलता है अपना तो यहां कुछ था ही नही……………यही ज़िन्दगी का सच है शायद्…………भीतर तक भेद गयी ये कहानी।

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  8. मर्मस्पर्शी..सुन्दर लघु कथा

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  9. ye to hona hi tha ,achchhi soch ka milna to kabhi kabhi hi hota hai adhikanshtya to musibat se chhutkara pane ki pravarti hi rahti hai...

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  10. यथार्थ का बोध होते हुए भी जिससे उम्मीद ना थी उसी ने इसके कडवेपण का अहसास दिला दिया...
    अत्यंत भावपूर्ण कहानी...

    ''मिलिए रेखाओं के अप्रतिम जादूगर से.....'

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  11. राम जी आपके बहुमूल्य सुझावों का अभिनन्दन ।
    मगर आप के मना करने के बाद भी हम आपकी टिप्पणी रूपी सुझाव को प्रकाशित कर रहे है ।
    इसके लिये क्षमा चाहती हूँ किन्तु हम चाहते है कि लोग इससे सीख ले । और टिप्पणी को सिर्फ तारीफ का नही , सुझावों का और सुधारों का भी माध्यम बनाये ।

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  12. सच और यथार्थ का अंकन।
    सुंदर कथा।

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  13. सच्चाइयां बहुत कटु होती हैं ....सुन्दर लघु कथा

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  14. अजीब सी सिहरन दौड़ गयी पढने के बाद...:(

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  15. सच सामने आने पर प्रेम के मायने बदलने में देर नहीं लगती ...
    आपकी कहानी में बहुत दम है ..

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  16. सच बहुत ही कडवा होता है.और रिश्ते कच्चे धागे जैसे.
    सुन्दर रचना.
    आपकी कलम को शुभ कामनाएं

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  17. कहानी दिल को छूती है ......
    पर लेखन शैली में थोडा सुधार और करें ......

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  18. दिल को छू जाने वाली छोटी पर बहूत कुछ कह्ती कहानी..............

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  19. बहुत अच्छी प्रस्तुति ।हार्दिक बधाई.

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  20. सुंदर कथा दिल को छू जाने वाली
    ...हार्दिक बधाई

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  21. यह चांटा
    सबसे बांटा
    जिससे सब कर सकें
    परेशानियों को
    आने से पहले ही टाटा।

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और लेखन को सुधारने के लिये आवश्यक

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