है चार दिन की जिन्दगी
और करने हजारों काम है ,
फिर भी लोगों को सदा
दूजे के कामों से ही काम है ............. रूठ कर मना लो उन्हे
जो प्यार करते है तुम्हे
कल के भरोसे में तो फिरबस उदासी भरी कई शाम है...................
जाने कितना वक्त खोया तुने
अपने पराये को समझने में पर एक ही पल में यहाँ
मिट जाते रिश्तों के नाम हैं.....................खुशियों को पाने के लिये हैं खोई
जिन्दगी की लाखों खुशीहै हाथ खाली आज भी मगर
ढल गयी जिन्दगी की शाम है ........................
यूँ तो सब बिकता ही है बेजान दुनिया के बाजार में
पर खरीद पाया कौन वफाजो कीमती मगर बेदाम है ....................
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जवाब देंहटाएंयूँ तो सब बिकता ही है
जवाब देंहटाएंबेजान दुनिया के बाजार में
पर खरीद पाया कौन वफा
जो कीमती मगर बेदाम है ....
बहुत सही कहा है ..सुन्दर अभिव्यक्ति
सच है, क्या न कर डालें जीवन में?
जवाब देंहटाएंसही कहा समय रहते समझ जाओ , अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबिलकुल सच कहा आपने...
जवाब देंहटाएं@ रूठ कर मना लो उन्हे
जवाब देंहटाएंजो प्यार करते है तुम्हे!
इस दुनियां में बहुत कम लोग प्यार की समझ रखते हैं ...इसे सहेज कर रखना !
शुभकामनायें !!
अच्छी लगी आपकी गीत नुमा रचना ...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिखा है आपने.
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत ही शानदार
जवाब देंहटाएंसुंदर भावाभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिखा है...
जवाब देंहटाएंअपनों के रूठने पर उन्हें मना लेना अच्छा है..इसमें पहल की राह नहीं देखनी चाहिए...
कल 17/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
ढल गयी जिन्दगी की शाम है
जवाब देंहटाएंयूँ तो सब बिकता ही है बेजान दुनिया के बाजार में
पर खरीद पाया कौन वफा
जो कीमती मगर बेदाम है
..........सही कहा आपने
यथार्थमय सुन्दर पोस्ट
जवाब देंहटाएंकविता के साथ चित्र भी बहुत सुन्दर लगाया है.
सुंदर भावाभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंदिल में उदासी पर आस फिर भी है बाकि एक सकारात्मक सोच :)
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना दोस्त जी |
जाने कितना वक़्त खोया तूने अपने पराये को समझने में
जवाब देंहटाएंवाह!! सुंदर भाव.
जाने कितना वक्त खोया तुने
जवाब देंहटाएंअपने पराये को समझने में
पर एक ही पल में यहाँ
मिट जाते रिश्तों के नाम हैं...!
एकदम सच्ची बात ......यहाँ सब मिट जाता है ......!
अरे वाह आज तो कुछ दार्शनिक अंदाज में है बहना . आज में ही जीना श्रेयस्कर है , कल किसने देखा . हँसी और उदासी है जीवन में सामानांतर रेखा .
जवाब देंहटाएंयूँ तो सब बिकता ही है
जवाब देंहटाएंबेजान दुनिया के बाजार में
पर खरीद पाया कौन वफा
जो कीमती मगर बेदाम है
waah bahut khoob, kya sunder rachna likhio hai aapne, badhai
सब वक़्त-वक़्त की बात है, ये ज़माना एक सा नहीं रहता
जवाब देंहटाएंखिजाँ भी अंग है नेचर का, समाँ सुहाना सदा नहीं रहता..
रिश्ते दिलों के जरा सोच- के बनाना ऐ दोस्त..! क्योंकि,
मधुर भावनाओं का खजाना, सदा एक सा नहीं रहता..,
जाने कितना वक्त खोया तुने
जवाब देंहटाएंअपने पराये को समझने में
पर एक ही पल में यहाँ
मिट जाते रिश्तों के नाम हैं.....................
Excelent Line..Very True..