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शनिवार, 6 अगस्त 2011

एक कविता : मित्रों के नाम

मित्र तुम्हे परिभाषित करने का

सामर्थ्य नही मेरी कलम में ।

ये तो जज्बातों का संगम है

जिसमें अविरल विश्वास की धारा बहती है॥




चाह रहा है आज मेरा मन
मित्र तुम्हे उपहार मै कुछ दूँ ।
कोई भौतिक वस्तु नही
अमिट असीमित प्यार तुम्हे दूँ ॥
..................
 बरसों पहले नन्हे पन में
बुना था, जो तुम संग सपना ,
नदी किनारे रेत का हमने
बनाया था छोटा सा घर अपना ,
सोच रहा हूँ, मिल कर फिर से
उन सपनों का विस्तार तुम्हे दूँ ॥
चाह रहा है आज...........................
इक सदी सी, गुजर गयी मिले हुये
दुनिया दारी की हैं, बहुत सी उलझन ,
मगर आज दिल कहता, जी ले फिर 
खोया हुआ वो, प्यारा अल्लड बचपन ,
धुँधला गये है जो ,यादों के घरौदें
मिलकर, एक नया आकार उन्हे दूँ ॥
चाह रहा है आज...........................
एक अनोखी अदभुद सी, पर दिल की
सुन बात बतलाता हूँ मै तुमको ,
सुख में, अनगिनत रिश्ते साथ थे पर
कठिनाइयों में बस, निकट पाया तुमको ,
दूर होकर भी तुमने, सदा बाँटी तकलीफे
आज अपनी खुशियों का संसार तुम्हे दूँ ॥
चाह रहा है आज...........................

चाहे कितने ही रिश्ते नाते
इस जग से सबको मिल जाये ।

पर मिले ना जब तक सच्चा साथी

कुछ कमी - कमी सी  रहती है ॥

19 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर पंक्तियाँ, कानपूर में आप कहाँ अध्यापन में हैं ?

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  2. बहुत सुंदर रचना इससे अच्छा उपहार हो ही नहीं सकता , फ्रेंडशिप डे की हार्दिक शुभकामनायें ......

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  3. बहुत खुबसूरत दोस्ती के एहसासों वयक्त करती है आपकी रचना... happyfriendshipday di....

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  4. प्यार,
    बड़ा उपहार,
    बढ़े अनवार
    हमारे जीवन में।

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  5. सुंदर अभिव्यक्ति !हैप्पी फ़्रेंडशिप डे।

    way4host

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  6. आपको भी मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।

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  7. खूबसूरत भावाभिव्यक्ति.
    A real friend is he who gives his shoulder to lean upon in sorrow.

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  8. प्रिय अपर्णा जी
    सस्नेह अभिवादन !

    अमिट असीमित प्यार पाने के बाद और कुछ पाने को शेष भी नहीं रह जाता ♥

    इक सदी सी, गुजर गयी मिले हुए
    दुनिया दारी की हैं, बहुत सी उलझन ,
    मगर आज दिल कहता, जी ले फिर
    खोया हुआ वो, प्यारा अल्हड़ बचपन ,
    धुंधला गए है जो ,यादों के घरौदें
    मिलकर, एक नया आकार उन्हे दूं …

    आहाऽऽह ! बहुत प्यारा गीत लिखा है आपने
    हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

    मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ
    -राजेन्द्र स्वर्णकार

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  9. चाह रहा है आज मेरा मन
    मित्र तुम्हे उपहार मै कुछ दूँ ।
    कोई भौतिक वस्तु नही
    अमिट असीमित प्यार तुम्हे दूँ ॥

    अमिट, असीमित और सच्चे प्यार से बड़ा क्या उपहार हो सकता है किसी के लिए ...जिन्दगी में बाकी सब कुछ तो मिल सकता है लेकिन अमिट असीमित प्यार जिसे- जिस किसी का भी मिल जाए उसका जीवन ...सवंर जाता है ....!

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  10. मित्र तो अनमोल होते है .सुँदर रचना . मित्रता दिवस की शुभकामनायें .

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  11. बहुत सुंदर कविता और उसके भाव....फ्रेंडशिप डे ' की आपको ढेर सारी शुभकामनाएँ ..... |

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  12. बहुत प्यारा गीत लिखा है आपने,
    बहुत बहुत बधाई,
    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

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