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गुरुवार, 11 अगस्त 2011

आजादी की तैयारी


१५ अगस्त की तैयारियां बहुत जोर शोर से चल रही थी , शम्भू नाथ जी का मंत्री बनने के बाद अपने गाँव में पहला दौरा था . वो कुछ ऐसा करना चाह रहे थे जिसे बरसों याद रखा जाय ।
गाँव को खूब सजाया जा रहा था , मंत्री जी स्वयं तैयारियों का जायजा ले रहे थे । कि तभी उन्होने अपने सेकेट्री से कहा- हरिकिशन ये तो सब ठीक है लेकिन ये बताओ कल के लिये खास क्या है , वो बोला- सर आदेश कीजिये ।
हम सोच रहे है कि क्यों ना कल कबूतर उडा कर शान्ति का संदेश दिया जाय । क्यो कैसा रहेगा ?
जी सर बिल्कुल ठीक ,फिर धीरे से कुछ डरते डरते वो बोला- मगर सर इसमे नया ...... ।
              तभी मंत्री जी हसते हुये बोले - तुम भी ना रहोगे मूरख ही । अरे भई हम एक दो नही पूरे एक हजार कबूतर उडायेगे । अब जाइये आप और कबूतरों का इन्तजाम कीजिये , और हाँ ये बताइये हमारे लिये कबूतरी का इन्तजाम करने के लिये भी क्या आदेश की ही प्रतीक्षा कीजियेगा । कुछ तो खुद से कर लिया कीजिये ।

12 टिप्‍पणियां:

  1. इस बार हमें भ्रष्टाचार , महंगाई , बेईमानी , आतंकवाद, गरीबी, भुखमरी , साम्प्रदायिकता और आरक्षण से मुक्ति मिले आज़ादी मिले .. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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  2. कबूतर तो ठीक हैं लेकिन यह कबूतरी ....वर्तमान नेता की सोच को बखूबी अभिव्यक्त किया है आपने ....!

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  3. यही तो आज़ादी है, जिसमें हम विकृतियों के ग़ुलाम हैं।

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  4. बहुत सही लिखा आपने.
    कल 12/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  5. आज-कल के नेताओं की पोल खोलती हुई ......सार्थक पोस्ट

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  6. स्वाधीनता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं।

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