तुम मुझमें थे, हम तुझमें थे,
ये वक्त के धारे, अपने थे,
पल भर में बदला, जाने क्या
हम हम ना रहे, तुम तुम ना रहे..........
रौशन था जहाँ, पर चाँद ना था,
अम्बर के तारे, जमीं पर थे
पल भर में बदला, जाने क्या
तुम किससे कहो, हम किससे कहे........
तेरी धडकन में, हम जीते थे
मेरी सांसों में, तुम महके थे
पल भर में बदला, जाने क्या
तुम जी ना सके, हम मर ना सके.........
पलकें थी मेरी, खुशियां थी तेरी
नींदों में तेरी , मेरे सपने थे
पल भर में बदला, जाने क्या
तुम सो ना सके, हम रो ना सके...........
दुनियां की नजर में, एक थे हम
मै आधी थी, तुम पूरक थे
पल भर में बदला, जाने क्या
तुम एक हुये, हम एक हुये.............
तेरी धडकन में, हम जीते थे
जवाब देंहटाएंमेरी सांसों में, तुम महके थे
पल भर में बदला, जाने क्या
तुम जी ना सके, हम मर ना सके.......
सुन्दर शब्द अपर्णा जी
बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 12-02-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा -1887 में दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
सच कहूँ तो केवल कुछ ही गीत कंठ में उतारते हैं
जवाब देंहटाएंयह गीत उनमे से एक है। बहुत सुन्दर।
वाह, क्या बात है.
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