रिश्ते जो मिल जाते
हैं
जन्म के साथ
और बन जाते हैं आधार
जीवन का
ये मिट नही सकते
बदलते रहते हैं
नही बदलता रंग लहू
का
बदलती है सिर्फ उसकी
गर्माहट
इस श्रेणी में आते हैं
भाई बहन माता पिता
चाचा ताऊ और भी बहुत
*******************************************
रिश्ते जो मिलते हैं
घर की दीवार से
निभाना होता हैं जिन्हे
जिन्दगी चलाने
के लिये
साथ खेलने लडने के
लिये
कभी चीनी उधार मांगने
को
कभी अपनी खुशियां बांटने को
जो वाकिफ होते हैं
मेरे घर की हर आवाज
से
दरवाजे पर बजी डोर
बेल से
रिश्तों की भाषा में
कहते हैं जिन्हे पडोसी
*******************************************
रिश्ते जो मिलते है
घर के बाहर
और बन जाते हैं
जिन्दगी का अंग
स्कूल के टिफिन से
शुरु होकर
मिलते हैं खेल के मैदान में
कभी साथ पढाई करते
कभी लडाई झगडा करते
मिलती है इन्हे मजबूती
और बन जाते हैं सम्बल
इन्हे कभी हम कहते
है दोस्त
कभी मित्र, यार, सहेली
या फ्रेंड
*******************************************
रिश्ते जो मिलते है
कार्यक्षेत्र में काम
के साथ
बच नही सकते इनसे
दिल मिले ना मिले
हाथ मिलते रहते हैं
मन में लाख जहर हो
पर्टियों में जाम मिलते
हैं
अक्सर, नही चलते ये उम्र भर
फिर भी परेशानियां
दे जाते है
कभी कभी इस भीड से
ही
मिल जाते हैं हमसफर
*******************************************
रिश्ते जो बनते हैं
नजर के इशारों से
सीधे देते हैं दस्तक,दिल पर
चैन सुकून और नींद
सब, पल भर में ले जाते
हैं
देते हैं बहुत तकलीफ
मगर दिल को भाते हैं
और बन जाते हैं
समय के साथ
कभी भी कही भी
जुड जाते हैं हमसे
कभी ट्रेन में, कभी मंदिर में
कभी यूं ही घूमते फिरते
जैसे मिलते हैं
दो फूल, दो पंक्षी या पानी
देखते ही संप्रेषित होता है
एक मौन संदेश
कुछ ही पल में
बन जाते है
अनकहे अनजानें बेनाम
अपरिभाषित रिश्ते
चित्रों के लिये गूगल का आभार
कभी भी कही भी
जुड जाते हैं हमसे
कभी ट्रेन में, कभी मंदिर में
कभी यूं ही घूमते फिरते
जैसे मिलते हैं
दो फूल, दो पंक्षी या पानी
देखते ही संप्रेषित होता है
एक मौन संदेश
कुछ ही पल में
बन जाते है
अनकहे अनजानें बेनाम
अपरिभाषित रिश्ते
चित्रों के लिये गूगल का आभार
सार्थक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (03-02-2015) को बेटियों को मुखर होना होगा; चर्चा मंच 1878 पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
रिश्ते जो मिलते है...बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंस्कूल के टिफिन से शुरु होकर
जवाब देंहटाएंमिलते हैं खेल के मैदान में
कभी साथ पढाई करते
कभी लडाई झगडा करते
मिलती है इन्हे मजबूती
और बन जाते हैं सम्बल
बहुत ही सुन्दर शब्दों में सजी एक सार्थक रचना
वाह जी वाह आपने पुरे जीवन के सच को अपनी इन कविता के माध्यम से बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत कर दिया है . सच में रिश्ते कई प्रकार के होते है.... इनका मतलब भी अलग-अलग होता है , अलग-अलग रिश्तो के अलग-अलग मायने ...
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आप सभी लोगो का हार्दिक स्वागत है
बहुत खूबसूरती से जीवन के हर सीढ़ी का जिक्र किया आपने। बधाई
जवाब देंहटाएंखूबसूरत और दिल की छोटी बातों को बेहतरीन शब्दों में पिरोया है...
जवाब देंहटाएं