आज आप सभी को दो ऐसे ब्लागर्स से मिलवाने जा रही हूँ जिनको पढने के बाद मुझे यह महसुस हुआ कि इनकी बात आप सभी तक भी पहुँचनी चाहिये । ये दोनो ही अच्छा लिखते हैं । अगर आप सभी का प्यार और स्नेह मिले और इनका भी त्साह वर्धन किया जाय तो इनकी लिखनी में और निखार आ सकता है ।
ब्लॉगर – चक्रेश
स्थान - मेरठ
ब्लॉग - Someone Somewhere
वैसे तो बहुत दिन हो गए देखे हुए तुम्हें
पर आज कुछ अलग बात हुई जा रही हैं
आँखों मैं आंसू तो नहीं हैं पर
न जाने क्यूँ आज मेरी जान जा रही हैं
बहुत दिनों से तुम्हारी बहुत याद आ रही है
कहने को तो बहुत खुश हूँ मैं पर
न जाने क्यूँ धडकन मचली जा रही है
सब कुछ तो हैं मेरे पास पर
जरूरत तेरी बढ़ती जा रही है
बहुत दिनों से तुम्हारी बहुत याद आ रही है
कहने को तो मैं मुस्कराता हूँ महफिल मैं
पर तन्हाई जिंदगी मैं बढ़ती जा रही हैं
जानता हूँ तू न आयेगी अब कभी पर
तेरे आने की उम्मीद बढ़ती जा रही है
बहुत दिनों से तुम्हारी बहुत याद आ रही है
कहने को तो दोस्त और भी बहुत हैं मेरे पर
ऐ दोस्त तू मेरी जिंदगी होती जा रही है
जानता हूँ तू अब किसी और की है पर
नजदीकियां तुमसे बढ़ती जा रही है
बहुत दिनों से तुम्हारी बहुत याद आ रही है
कहने को तो बहुत लोग आए गए है जिंदगी मैं पर
न जाने क्यूँ तेरी याद जिंदगानी बनती जा रही है
यूँ भी नहीं बहुत उदास हूँ मैं पर
यह कैसी बेरुख फिजा नजर आ रही है
बहुत दिनों से तुम्हारी बहुत याद आ रही है
ब्लॉगर- तम्पेश्वर साहू
स्थान - दिल्ली
ब्लॉग- मै और मेरी तन्हाई !
जिस पथ पर जाना ना हो, उस पर पग ही क्यों धरें ।
राह जो मंजिल की है, कितनी भी मुश्किल क्यों डरें ॥
चलते रहना है हमको, मंजिल जब तक ना मिले ।
जीवन चाहे मिट जाये, हौसला फिर भी ना हिले ॥
हम भटकने वालों में से नहीं, हमें पता अपनी मंजिल ।
अब हमारा मन भी यही, यही है हमारा दिल ॥
चाहे कितने भी हों प्रलोभन, चमक और सुख अनेक ।
चलना बस उसी पर है, चुनी है जो राह एक ॥
क्या हुआ जो सुख ना मिले, ना मिले अपना कोई ।
चलना सच्चाई की राह पर, था मेरा सपना यही ॥
क्यों ना आयें पल पल, कांटे अनेकों सामनें ।
सत्य की शक्ति हमेशा, साथ है मुज्ञको थामनें ॥
मिलेगी जब मंजिल मुज्ञे, वह क्षण कितना अनुपम होगा ।
यही सोच कर हर पल, चलना प्रतिक्षण होगा ॥
di.. bhut acchi kosish hai apki naye blogers ka sabse parichye karane ki....
जवाब देंहटाएंसच में बहुत अच्छा लिखते हैं....मिलवाने के लिए शुक्रिया...
जवाब देंहटाएंaapkaa dhanyavaad..
जवाब देंहटाएंदोनों ही कवितायें बहुत अच्छी हैं। दोनों को ही अपनी फीड में डाल लिया है, आभार।
जवाब देंहटाएंये परमारथ का कार्य वाकई प्रसंशनीय है
जवाब देंहटाएंआप दोनों का स्वागत है
आपका यह प्रयास अच्छा लगा ....चक्रेश जी के ब्लॉग पर टिप्पणी देने की सुविधा नहीं है ...दूसरे ब्लॉग पर रचना काव्य रूप में होती तो सुन्दर लगती ..
जवाब देंहटाएंअपर्णा जी
जवाब देंहटाएंआपका प्रयास सराहनीय है ...हमें एक दुसरे को आगे बढ़ाना चाहिए ....शुक्रिया आपका इस जानकारी के लिए
आभार आपका.
जवाब देंहटाएंअर्पना जी बहुत सुन्दर अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुभ कामना
दीपांकर कुमार पाण्डेय
कवितायें अच्छी हैं........मिलवाने के लिए शुक्रिया
जवाब देंहटाएंNaye bloggers se milvani ka shukriya.
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पैरों तले जमीन खिसक जाए!
क्या इससे मर्दानगी कम हो जाती है ?
You have done a good job by providing opportunity to CHAKRESH & TAMPESHWAR SAHU.Their efforts are quite good .This way they will definitely feel elevated and will further progress.
जवाब देंहटाएंयादों में मुलाकात का सफ़र वाकई बड़ा सुहाना होता है
जवाब देंहटाएंचलो याद ही सही...........सुन्दर रचना
thank you mam.
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