आज बहुत उदास है ये मन
बिन आसूं ही रो रहा ये मन
काँच से नाजुक रिश्तों को
कितना मैने संभाला था
दुनिया की बुरी निगाहों से
उसको मैने बचाया था
मगर लगा उसको तो
किसी अपने का ही ग्रहण
आज बहुत……………..
पल भर मे ही लगा कि जैसे
रानी से भिखारिन हो गये
बिन अपराध किये ही तो
हर नजर के अपराधी हो गये
जीते जी ही कर डाला
उसने मेरे भावों का तर्पण
आज बहुत ……….
फिर भी जीवन निर्मम इतना
सासों को नही है त्याग रहा
जाने क्यों अब भी आखों में
उसके ख्वाबों को पाल रहा
बचा ही क्या है जो कर दे
अब उसके चरनों में अर्पण
आज बहुत…………………..
भावपूर्ण मार्मिक अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंगहन अनुभूतियों का सहज प्रवाह ह्रदय तक पहुँच रहा है |
फिर भी जीवन निर्मम इतना
जवाब देंहटाएंसासों को नही है त्याग रहा
जाने क्यों अब भी आखों में
उसके ख्वाबों को पाल रहा
Bhavpoon rachna hai...
बचा ही क्या है जो कर दे
जवाब देंहटाएंअब उसके चरनों में अर्पन.. bhut hi emotional kavita hai.. very nice...
बहुत ही भावपूर्ण रचना ....
जवाब देंहटाएंअत्यन्त भावुकतापूर्ण प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंब्लागराग : क्या मैं खुश हो सकता हूँ ?
अरे... रे... आकस्मिक आक्रमण होली का !
पल भर मे ही लगा कि जैसे
जवाब देंहटाएंरानी से भिखारिन हो गये
बिन अपराध किये ही तो
हर नजर के अपराधी हो गये
जीते जी ही कर डाला
उसने मेरे भावों का तर्पन
आज बहुत ……….
फिर भी जीवन निर्मम इतना
सासों को नही है त्याग रहा
जाने क्यों अब भी आखों में
उसके ख्वाबों को पाल रहा
बचा ही क्या है जो कर दे
अब उसके चरनों में अर्पन
आज बहुत………………
इस के लिए मेरे पास सिर्फ एक ही शब्द है बहुत ही लाजवाब
होली मंगलमय हो.
जवाब देंहटाएंbahut acchi..
जवाब देंहटाएंI wish kabhi itni acchi likh paoon..
मुझे ये कविता पढने के बाद प्रसाद जी की निम्न पंक्तियाँ याद आयी .
जवाब देंहटाएंबस गई एक बस्ती है स्मृतियों की इसी ह्रदय में
नक्षत्र लोक फैला है , जैसे इन नील निलय में
जो घनीभूत पीड़ा थी , मस्तक में स्मृति सी छाई
दुर्दिन में आंसू बनकर वह आज बरसने आयी.
सुन्दर भावपूर्ण और ह्रदय स्पर्शी कविता .
आप भावों के भारीपन व गहराई से बाहर आयें।
जवाब देंहटाएंअतिभावुक रचना है, उदास कर जाती है रचना।
जवाब देंहटाएंशाकाहार जाग्रति में सहायक बनें…
निरामिष: शाकाहार : दयालु मानसिकता प्रेरक
काँच से नाजुक रिश्तों को
जवाब देंहटाएंकितना मैने संभाला था
दुनिया की बुरी निगाहों से
उसको मैने बचाया था
मगर लगा उसको तो
किसी अपने का ही ग्रहन
बहुत ही बेहतरीन... एक भावपूर्ण रचना के लिए बहुत-बहुत बधाई!
भावपूर्ण अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंआज बहुत उदास है ये मन
जवाब देंहटाएंबिन आसूं ही रो रहा ये मन
काँच से नाजुक रिश्तों को
कितना मैने संभाला था
बहुत भावपूर्ण
ब्लॉग पर अनियमितता होने के कारण सभी से माफ़ी चाहता हूँ ..
मगर लगा उसको तो
जवाब देंहटाएंकिसी अपने का ही ग्रहन
भावपूर्ण रचना, बहुत-बहुत बधाई!
अपर्णा जी....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...
लेकिन ये होली के समय ऐसी बातें....
चलिए पिचकारी लेकर आईये तो जल्दी से....
होली है....बुरा न मानो होली है...
बहुत उम्दा और मार्मिक रचना!
जवाब देंहटाएंMan ko chhu gaye bhav....
जवाब देंहटाएं---------
ब्लॉगवाणी: ब्लॉग समीक्षा का विनम्र प्रयास।
Man ko chhu gaye bhaav....
जवाब देंहटाएं---------
ब्लॉगवाणी: ब्लॉग समीक्षा का विनम्र प्रयास।
बहुत संवेदनशील और भावपूर्ण अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंआज इतनी उदासी भरी रचना!
जवाब देंहटाएंकविता में दुखानुभूति की सशक्त अभिव्यक्ति हुई है।
जवाब देंहटाएंफिर भी जीवन निर्मम इतना
जवाब देंहटाएंसासों को नही है त्याग रहा
जाने क्यों अब भी आखों में
उसके ख्वाबों को पाल रहा
इन पंक्तियों को पढ़कर में सन्न रह गया ...बहुत दुखद अनुभूति का भावपूर्ण वर्णन किया है आपने ...आपका आभार
संवेदनशील अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन, भावपूर्ण रचना के लिए बहुत-बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंहोली मंगलमय हो. आभार.
भावपूर्ण मार्मिक अभिव्यक्ति....बहुत-बहुत बधाई.****
जवाब देंहटाएं"फिर भी जीवन निर्मम इतना
जवाब देंहटाएंसासों को नही है त्याग रहा
जाने क्यों अब भी आखों में
उसके ख्वाबों को पाल रहा"
बहुत अच्छा लिखा आपने.
होली की शुभकामनाएं.
सादर
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंकाँच से नाजुक रिश्तों को
जवाब देंहटाएंकितना मैने संभाला था
दुनिया की बुरी निगाहों से
उसको मैने बचाया था
मगर लगा उसको तो
किसी अपने का ही ग्रहण
संवेदनशील और भावपूर्ण अभिव्यक्ति
संवेदनशील और भावपूर्ण अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंभावपुर्ण रचना
जवाब देंहटाएंआप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
जवाब देंहटाएंसादर
khubsurat ehsas ke sath mamsparshi prastuti...
जवाब देंहटाएंव्यथित भावनाओं की अत्यंत भावपूर्ण प्रस्तुति........
जवाब देंहटाएंघुटते टेंकती भावुकता का, फायदा बहुत उठाया जाता है अपर्णा ....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !