जाने लोग बदल गये, या मेरा नजरिया बदल गया
कुछ तो बदला है हवाओं में, कि मौसम बदल गया
कल तक रोये जिसके लिये, उसे पल मे भुला दिया
दो दिन में दिल की धडकने बदली, दिल बदल गया
मंजिल पाने की हसरत में इश्क -ओ- ईमां बदल गये
नजरों में बसा है अब भी कोई, बस चेहरा बदल गया
मुस्कारा लेते है लोग यहाँ,गम देकर किसी अजीज को
दुनिया में मोहब्बत निभाने का, अब दस्तूर बदल गया
जीना गवारां ना था कभी, देखे बिना जिस शख्स को
नाम उसका सुन क्यो आज, चेहरे का रंग बदल गया
मै बदलता तो जहाँ कहता मुझे, जालिम बेदर्द बेवफा
हुस्न ने बदली अदा अपनी तो, जमाना भी बदल गया
दिन रात की उलझन में पलाश, ना उलझा खुद को यूं
लहू का रंग लाल है अब भी, बस रक्तदाब बदल गया
बहुत सुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंAll lines are too good and very true😢
जवाब देंहटाएंबेहद ख़ूबसूरत।।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बहुत ही सही कहा आपने....
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