कही जो बात
तो बवाल हो जायेगा
आंख नम हो तो छुपा लेना चश्मे में
दिखीं उदास, तो बवाल हो जायेगा
बात दिल की पन्नो पे उतारिये ना
पढेगें अपने तो बवाल हो जायेगा
पलट के सोच ना अब बीती बातों को
ख्वाब फिर लिपटे
तो बवाल हो जायगा
जो भी सामने है, बस वही मंजिल तेरी
काश की आस में ,बवाल हो जायेगा
तकदीर के रास्ते, तेरी हथेली में पलाश
पकड मेहनत की
बांहे, बवाल हो जायेगा
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 13 अगस्त 2021 शाम 5.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत सही ,सोच समझ फिर कर नहीं तो बवाल हो जाएगा।
जवाब देंहटाएंसुंदर सृजन।
आ जाए जो सलीक़ा और हुनर भी मन पढ़ने का,
जवाब देंहटाएंतो घर-मुहल्ले क्या,शहर भर में बवाल हो जाएगा .. बस यूँ ही ...
सुंदर सृजन
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