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रविवार, 14 मार्च 2021

इक बार फिर

 


तुम नहीं आये लो, इक बार फिर

रही कसम अधूरी, इक बार फिर

सुन लेंगें कोई, नई मजबूरी तेरी

समझा लेंगें दिल, इक बार फिर

खुशियां ही दो तुम, जरूरी नहीं

थोडा सिसक लेंगें, इक बार फिर

की कोशिशें कई, न करें शिकायतें

कर बैठे शिकवे मगर, इक बार फिर

तेरी छुअन का जादू चला हम पर

खिल के फूल हुये, इक बार फिर

सोचकर बैठे थे, ना मानेगी पलाश

तेरी बातों में उलझे, इक बार फिर

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