अबके होली, ना रंग लगाना
ना टोली बनाना
ये मौसम करोना का है-२
श्याम दूर से ही फाग गाना,
ना मौज मनाना
ये मौसम करोना का है-२
राधे ,मनवा तो माने
नही है
हां तोरी बतिया सही
है
ये मौसम करोना का है-२
कान्हा पीना नही तुम भंग
ना कीजो हुडदंग
ले ग्वालों को संग
ना पड जाय रंग में भंग
गिरधारी ओ गिरधारी ना यमुना में
जाना
ना गोपी बुलाना
ये मौसम करोना का है-२
राधे, मनवा तो माने
नही है
हां तोरी बतिया
सही है
ये मौसम करोना का है-२
कान्हा दिल में करो ना मलाल
अरे अगले साल
मचेगा धमाल
उडेगा फिर सतरंगी गुलाल
बनवारी, ओ बनवारी जरा घर तो आना
है टीका लगाना
कि मौसम करोना का है-२
राधे, मनवा तो माने
नही है
मगर बतिया सही है
ये मौसम करोना का है-२
अबके होली, ना रंग लगाना
ना टोली बनाना
ये मौसम करोना का है-२
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंरंग भरी होली की शुभकामनाएँ।
बहुत बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंकोरोना का डर तो सता ही रहा .. सार्थक संदेश
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जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 31 मार्च 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बहुत सुंदर रचनाा
जवाब देंहटाएंअबके होली, ना रंग लगाना
जवाब देंहटाएंना टोली बनानाये मौसम करोना का है-२
श्याम दूर से ही फाग गाना,
ना मौज मनाना
ये मौसम करोना का है-२
रोचक और भावपूर्ण रचना अपर्णा जी | कान्हा को भी आखिर कोरोना के नियम कायदे जानने और मानने होंगे | आखिर दो गज दुरी और मास्क है जरूरी | हार्दिक शुभकामनाएं
श्याम दूर से ही फाग गाना,
वाह!बेहतरीन !आपने तो शब्दों को ही रंगो से रंग डाला ...वाह!
जवाब देंहटाएंवाह क्या खूब पलाश जी, आपने तो कान्हा को ही कोरोना का डर दिखा दिया औश्र ताकीद भी कि ...''गिरधारी ओ गिरधारी ना यमुना में जाना
जवाब देंहटाएंना गोपी बुलाना
ये मौसम करोना का है'' ..अद्भुत कल्पनाशक्ति
Thank you Alaknanda ji for liking my writing and appreciation. I wish for a good health to you and your family
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया । कोरोना के प्रति सजगता ज़रूरी है ।
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