युग बदले मौसम बदले
बदले इंसानों के चेहरे
धर्म और कर्म रहे मगर
आस्थाएं और वजहें बदल गयी
हवाओं की ठंडक बदल गयी
लू की तपिश भी बदल गयी
सलोने से बसन्त की
तरुणाई भी है बदल गयी
रिश्ते और नाते है अब भी
निभाने के तरीके बदल गये
शब्दकोष तो रहा वही
बस उच्चारण बदल गये
शिष्टाचार रहा प्रतिदिन का
पर परिभाषायें बदल गयी
त्याग और्र विश्वास की
सारी सीमायें बदल गयी
परिवर्तन करते करते
हम इतने परिवर्तनशील हुये
कि मौसम के बदलने के
रास्ते भी सारे बदल गये
wellcome in chitthajagat
जवाब देंहटाएंbe apex blogger
बहुत बढिया रचना!
जवाब देंहटाएंआभार्!
परिवर्तन ही जीवन का नियम है ... अब देखना ये है कि यह परिवर्तन किस तरह होता है ...
जवाब देंहटाएंवक्त के साथ सब बदलता है....अच्छी रचना
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