कल मै अपनी माँ को अपना एक ब्लाग पढ कर सुना रही थी , तभी उनको अपनी लिखी एक रचना जो उन्होने आज से करीब चालीस साल पहले लिखी थी , आधी अधूरी सी याद आयी । और बहुत कोशिश के बाद उनको वो थोडी सी याद आयी और थोडी उन्होने कल लिखी । ये मेरा सौभाग्य है कि हम अपनी माँ की भूली बिसरी गजल को अपने ब्लाग पर लिख रहे है ..........
मालिक ने बनाया इंसा को
इंसा ने उसे मजबूर किया |
जब जी चाहा मचला कुचला
जब जी चाहा तब प्यार किया ||
जीने की तमन्ना हर दिल में
हर दिल में गुजारिश होती है |
जीवन के थपेडों को सह कर
मोहब्बत की ख्वाइश होती है ||
मालिक ने .................................
कहने को वफायें करते है
कुछ पाने को मैखानों में |
परदे के पीछे तो कुछ है
जानो उसको अनजानों में ||
मालिक ने.............................
पर सत्य कहे तो जीवन में
हर पल है एक खजाने मे |
चाहो तो उसे बर्बाद करो
चाहे रखो तहखाने में ||
मालिक ने ............................
इक सीख हमारी भी सुन लो
जीवन को सजाओ सपनों में |
सपनों को फिर साकार करो
तुम सफल रहोगे इस जीवन में ||
मालिक ने ..................
माँ से कहिएगा की उनकी सीख सर माथे पर
जवाब देंहटाएंपर सत्य कहे तो जीवन में
जवाब देंहटाएंहर पल है एक खजाने मे |
चाहो तो उसे बर्बाद करो
चाहे रखो तहखाने में ||
मालिक ने .......
dil me rakhne layak seekh
बहुत उम्दा रचना रही माता जी की. हमारा प्रणाम कह दिजियेगा.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना| माता जी को नमन|
जवाब देंहटाएंकहने को वफायें करते है
जवाब देंहटाएंकुछ पाने को मैखानों में |
परदे के पीछे तो कुछ है
जानो उसको अनजानों में ||
बहुत अच्छी रचना है माता जी की। सीख देती। उनको प्रणाम।
सीख देती प्रेरक रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रेरक रचना है माता जी की।
जवाब देंहटाएंब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंअच्छा संदेश देती सार्थक रचना ।
जवाब देंहटाएंachchha sandesh deti rachna ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर सीख देता हुआ गीत , माँ को नमन
जवाब देंहटाएंगजल पढने तथा सराहने के लिये आप सभी का आभार ।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअच्छी भाव प्रवण एवं सुघड़ सन्देश देती हुई रचना . माताजी को प्रणाम एवं आभार उनका . मै अभिभूत हूँ कि हमारे शहर में बहुत सारे कवि ह्रदय लोग रहते है .
जवाब देंहटाएंAunty ki seekh sir aanko par!!
जवाब देंहटाएंsapno ko bunane ki, aur usko sakar karne ki koshish jaari hai...:)
bahut pyari rachna!!
ab barabar aaunga!!
बहुत-बहुत-बहुत प्यारी-गहरी और संवेदनशील कविता है अर्पणा,आपकी माँ शायद खुद भी ऐसी ही हों.....इस कविता की भांति.....है न अर्पणा ....!!
जवाब देंहटाएंआया है मुझे फिर याद वो जालिम गुज़रा ज़माना बचपन का ............
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना है आपके माँ की .........अच्छा लगा रोमांचित भी हुई ...आप खुशनसीब है .....आपके पास माँ है आपके लेखन को पढने ,सुधारने सवारने के लिए....
जवाब देंहटाएंजीने की तमन्ना हर दिल में
जवाब देंहटाएंहर दिल में गुजारिश होती है |
जीवन के थपेडों को सह कर
मोहब्बत की ख्वाइश होती है ||
bahut bhavuk n sundar lines
बहुत ही प्रेरणादायीदायी रचना. इसी बहाने आपकी माँ जी के व्यक्तित्व से भी पहचान हुई... आभार
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