कह लो हमे पागल भंवरा,
पर ये भी जरा सोचिये
फूलों का गर जिक्र
हुआ , नाम तेरा भी आयेगा
ना कहना हमसे महफिल
मे, कोई गजल कहने को
इस शायर के अल्फाजों
मे, नाम तेरा भी आयेगा
चर्चा हुस्न का होगा,
शामिल तुम भी हो जाओगे
कत्ल हजारों हो जायेगें
, नाम तेरा भी आयेगा
सर्द हवा नाकाफी होगीं,
दिल की लगी बुझाने मे
आग लगेगीं जब दिल में,
नाम तेरा भी आयेगा
छुप लो चाहे जितना
अब, शर्म हया के पर्दों में
जिस रोज कयामत आयेगी,
नाम तेरा भी आयेगा
यूं ना बिखेरा कीजिये, जुल्फे दिन के उजालों में
चढे सूरज, जो शाम ढली, नाम तेरा भी आयेगा
अन्जाना कहो या कहो अजनबी, ये तेरी अदायें हैं
नजरें गर पढ ली किसी ने, नाम तेरा भी आयेगा
सजदे में सर झुक जायेगा,
मन की मुरादें पाने को
जिक्र तमन्नाओं का
होगा, नाम तेरा भी आयेगा
हर खौफ जुदा कर देना, इजहार-ए-मोहब्बत से पहले
अफसाने बनेगे तेरे मेरे, नाम तेरा भी आयेगा
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 7 - 5 - 2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1968 में दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
फूलों का गर जिक्र हुआ तो नाम तेरा भी आयेगा
जवाब देंहटाएंवाह !!
अन्जाना कहो या कहो अजनबी, ये तेरी अदायें हैं
जवाब देंहटाएंनजरें गर पढ ली किसी ने, नाम तेरा भी आयेगा
सजदे में सर झुक जायेगा, मन की मुरादें पाने को
जिक्र तमन्नाओं का होगा, नाम तेरा भी आयेगा
बहुत सुन्दर अलफ़ाज़ अपर्णा जी
Waah
जवाब देंहटाएंjis roz kayamat aayegi naam tera bhi aayega......
waah bohot khub
very good jiiii
जवाब देंहटाएंअन्जाना कहो या कहो अजनबी, ये तेरी अदायें हैं
जवाब देंहटाएंनजरें गर पढ ली किसी ने, नाम तेरा भी आयेगा
...............बहुत सुन्दर