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बुधवार, 6 मई 2015

नाम तेरा भी आयेगा.....


कह लो हमे पागल भंवरा, पर ये भी जरा सोचिये
फूलों का गर जिक्र हुआ , नाम तेरा भी आयेगा

ना कहना हमसे महफिल मे, कोई गजल कहने को
इस शायर के अल्फाजों मे, नाम तेरा भी आयेगा

चर्चा हुस्न का होगा, शामिल तुम भी हो जाओगे
कत्ल हजारों हो जायेगें , नाम तेरा भी आयेगा

सर्द हवा नाकाफी होगीं, दिल की लगी बुझाने मे
आग लगेगीं जब दिल में, नाम तेरा भी आयेगा


छुप लो चाहे जितना अब, शर्म हया के पर्दों में
जिस रोज कयामत आयेगी, नाम तेरा भी आयेगा

यूं ना बिखेरा कीजिये, जुल्फे दिन के उजालों में
चढे सूरज, जो शाम ढली, नाम तेरा भी आयेगा

अन्जाना कहो या कहो अजनबी, ये तेरी अदायें हैं
नजरें गर पढ ली किसी ने, नाम तेरा भी आयेगा

सजदे में सर झुक जायेगा, मन की मुरादें पाने को
जिक्र तमन्नाओं का होगा, नाम तेरा भी आयेगा


हर खौफ जुदा कर देना, इजहार-ए-मोहब्बत से पहले
अफसाने बनेगे तेरे मेरे, नाम तेरा भी आयेगा

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 7 - 5 - 2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1968 में दिया जाएगा
    धन्यवाद

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  2. फूलों का गर जिक्र हुआ तो नाम तेरा भी आयेगा

    वाह !!

    जवाब देंहटाएं
  3. अन्जाना कहो या कहो अजनबी, ये तेरी अदायें हैं
    नजरें गर पढ ली किसी ने, नाम तेरा भी आयेगा

    सजदे में सर झुक जायेगा, मन की मुरादें पाने को
    जिक्र तमन्नाओं का होगा, नाम तेरा भी आयेगा
    बहुत सुन्दर अलफ़ाज़ अपर्णा जी

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  4. Waah
    jis roz kayamat aayegi naam tera bhi aayega......
    waah bohot khub

    जवाब देंहटाएं
  5. अन्जाना कहो या कहो अजनबी, ये तेरी अदायें हैं
    नजरें गर पढ ली किसी ने, नाम तेरा भी आयेगा

    ...............बहुत सुन्दर

    जवाब देंहटाएं

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